एसआईपी(SIP) एक निवेश योजना है, जिसमें छोटी-छोटी राशि से निवेश किया जा सकता है। इस योजना के जरिए म्यूचुअल फंड में आसानी से निवेश किया जा सकता है। अगर किसी की मासिक आय कम है तो निवेश कर पाएंगे। इस योजना के तहत अंतराल में साप्ताहिक, मासिक, तिमाही, अर्धवार्षिक और वार्षिक में निवेश किया जा सकता है। आय के हिसाब से एसआईपी तय किया जा सकता है, इससे एसआईपी निवेशक अच्छी बचत कर सकते हैं।
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एसआईपी में निवेश कम पैसे में शुरू कर सकते हैं, जैसे 100, 500 या 1000 रुपये से शुरुआत की जा सकती है, ज्यादा पैसों से भी शुरुआत कर सकते हैं।
पैसे बचाने के लिए एसआईपी सबसे बेहतरीन रास्ता है, इसमें निवेशक के ऊपर किसी तरह का बोझ नहीं पड़ता है। अपनी आय के हिसाब से निवेश कर अच्छा रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
एसआईपी में निवेश करने के लिए इंटरनेट पर कई प्लेटफॉर्म है। निवेश के लिए कहीं आने जाने की जरूरत नहीं है। फ़िलहाल के वक्त में पैसों की बचत करना बहुत जरुरी है, यह इमरजेंसी की स्थिति में मदद करते हैं।
एसआईपी का फुल फॉर्म सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी कि व्यवस्थित निवेश योजना होता है। उदाहरण के लिए, किसी कंपनी के म्युचुअल फंड का एनएवी 100 रुपये है, अगर इस फंड पर 10000 रुपये का निवेश किया जाए तो उस कंपनी का 100 यूनिट निवेशक को मिल जाएगा। एक साल के लिए इसे होल्ड कर फंड को तब बेचे जब बाजार में एनएवी का मूल्य 200 रुपये हो जाए, तब 10000 रुपये का फायदा कमा सकते हैं।
एसआईपी में निवेश के लिए कुछ डॉक्यूमेंट जरुरी होते हैं। शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए या बैंकिंग सेवाओं को लेने के लिए कुछ अहम डॉक्यूमेंट जरूरी हैं।
आधार कार्ड
पैन कार्ड
बैंक अकाउंट
बैंक स्टेटमेंट
पासपोर्ट साइज फोटो
चेक बुक
सारे डॉक्यूमेंट होने पर आसानी से एसआईपी में निवेश किया जा सकता है, इसके लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन के जरिए या वेबसाइट के जरिए अकाउंट बना कर निवेश कर सकते हैं।
इन डॉक्युमेंट्स के जरिए डीमेट अकाउंट आसानी से ओपन किया जा सकता है। म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए केवाईसी की प्रक्रिया करवाना जरुरी है। बिना केवाईसी के निवेश नहीं किया जा सकता है। केवाईसी में डेट ऑफ़ बर्थ, नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, एड्रेस प्रूफ, बैंक डिटेल्स जैसी जानकारी दर्ज होती है।
केवाईसी प्रक्रिया को ऑनलाइन या ऑफलाइन भी कर सकते हैं।
एनएवी का पूरा नाम नेट एसेट वैल्यू है। म्यूचुअल फंड में निवेश एनएवी के मुताबिक किसी म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश करते हैं, उस वक्त एसेट वैल्यू के मुताबिक, म्यूचुअल फंड के एक यूनिट की कीमत तय की जाती है।
हर चीज में पैसा लगाने के कुछ रिस्क होते हैं, उसी तरह यहां कुछ रिस्क की आशंका है। एसआईपी की शुरुआत छोटे फंड से की जा सकती है, इसलिए इसमें ज्यादा रिस्क की आशंका कुल मिला कर खत्म हो जाती है। अगर किसी ऐसी कंपनी के एसआईपी में निवेश किए जाए तो घाटे में चल रही है और मुनाफा नहीं कमा पा रही है तो पैसे डूबने के चांस बढ़ जाते हैं।
अगर एसआईपी में निवेश कम वक्त के लिए किया जाए तो नुकसान हो सकता है। लंबे वक्त के लिए निवेश करने से नुकसान होने के चांसेस कम हो जाते हैं। अगर जारी एसआईपी को दो-तीन महीने में तोड़ दिया जाए तब एसआईपी प्रक्रिया पूरा न करने पर नुकसान हो सकता है। अगर कंपनी को अचानक किसी क्राइसिस का सामना करना पड़ जाए तो नुकसान हो सकता है।
एसआईपी में निवेश करने के कई फायदे हैं, जैसे अगर इनकम टैक्स स्लैब के दायरे में आते हैं और इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते है, उसके लिए एसआईपी फायदेमंद होगा क्योंकि इससे टैक्स रिटर्न में छूट मिल सकती है।
एसआईपी बचत करने का एक बेहतरीन तरीका है। एसआईपी में यह बोझ नहीं होता कि आपको हर महीने पैसे देने हैं, चाहे तो सालाना निवेश भी किया जा सकता है, जिससे अच्छा खासा पैसा इकठ्ठा हो जाता है।
जो रिस्क लेने से डरते हैं, उनके लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
एसआईपी में कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है, अगर लंबे वक्त तक निवेश करना है तो ज्यादा मुनाफा होता है।
अगर बाजार में रिटर्न बढ़ रहा है तो एसआईपी में निवेश बढ़ा सकते हैं।
इसमें चाहे तो बाजार में गिरावट आने पर एसआईपी रोक भी सकते हैं, बाजार में फिर से सुधार हो तो एसआईपी को दोबारा चालू कर सकते हैं।
एसआईपी ऑटो सुविधा भी बैंक से ले सकते हैं, इसमें कहीं आने जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
अगर एसआईपी मिस कर दी है तो नुकसान हो सकता है।
हर महीने पैसों की जरूरत पड़ती है, जिसका इंतजाम करना पड़ता है।
नुकसान होने की आशंका रहती है।
बाजार में उतर-चढ़ाव हो तो उस वक्त अच्छा रिटर्न नहीं मिलता है।
अगर नियमित आय स्रोत नहीं है तो एसआईपी न भर पाने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।
एसआईपी शुरू करना बहुत आसान है। एसआईपी में दो तरीकों से निवेश किया जाता है, पहला डायरेक्ट प्लान और दूसरा रेगुलर प्लान में आसानी से निवेश करना शुरू किया जा सकता है। डायरेक्ट प्लान में कोई मिडिल मैन या कोई ब्रोकर नहीं होता है। इसमें किसी भी कंपनी की योजना में डायरेक्ट एएमसी के जरिए निवेश कर सकते हैं। इससे अच्छा खासा रिटर्न भी हासिल हो सकता है।
शुरूआती दौर में या नए निवेशक के लिए यह सही नहीं है, क्योंकि इसमें कोई गाइड करने के लिए नहीं होता है, इससे नुकसान के चांस बढ़ जाते हैं। ज्यादा जानकारी न होने पर एनालिसिस करने में मुश्किल होती है, इसी कारण नुकसान उठाना पड़ता है।
रेगुलर प्लान में मिडिल मेन या ब्रोकर शामिल होते हैं, इसमें ब्रोकर एएमसी से स्किम खरीद लेते हैं। जिसके बाद वे निवेशक के जरिए निवेश करवाते हैं। इससे नए निवेशक को नुकसान होने के चांसेस कम होते हैं। इसमें ब्रोकर अपनी फ़ीस लेते हैं। ज्यादातर निवेशक इसी प्लान में निवेशक करते हैं। इसमें ब्रोकर निवेशक को सही म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए सिफारिश करते हैं, इससे निवेशक को भी आसानी होती है।
फंड का नाम | 5 सालों का रिटर्न | 3 सालों का रिटर्न | मासिक निवेश |
एक्सिस ब्लूचिप फंड | 11.30% | 18.30% | 5000 |
एक्सिस फोकस्ड 25 फंड | 17.19% | 16.64% | 5000 |
डीएसपी इक्विटी फंड | 14.36% | 14.69% | 5000 |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल टेक्नोलॉजी फंड | 33.91% | 41.39% | 5000 |
एचडीएफसी बैलेंस्ड एडवांटेज फंड | 15.50% | 16.60% | 5000 |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ब्लूचिप फंड | 10.81% | 8.48% | 5000 |
कोटक स्टैंडर्ड मल्टीकैप फंड | 13.24% | 11.14% | 5000 |
क्वांट इंफ्रास्ट्रक्चर फंड | 24.14% | 38.02% | 5000 |
निप्पोन इंडिया लार्ज कैप फंड | 10.90% | 8.42% | 5000 |
टाटा इंडिया कंज्यूमर फंड | 15% | 14.70% | 5000 |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टीकैप फंड | 13.62% | 16.68% | 5000 |
आईडीएफसी गवर्नमेंट सिक्योरिटी फंड | 8.93% | 11.39% | 5000 |
आईडीएफसी गवर्नमेंट सिक्योरिटी फंड | 9.73% | 11.32% | 5000 |
निप्पोन इंडिया निवेश लक्ष्य फंड | - | 11.21% | 5000 |
आईडीएफसी गवर्नमेंट सिक्योरिटी फंड | 8.29% | 11.18% | 5000 |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल कांस्टेंट मैच्योरिटी गिल्ट फंड | 8.84% | 11.17% | 5000 |
डीएसपी गवर्नमेंट सिक्योरिटी फंड | 8.59% | 11.08% | 5000 |
एडेल वेईसिस गवर्नमेंट सिक्योरिटीज फंड | 8.60% | 11.04% | 5000 |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल कांस्टेंट मैच्योरिटी गिल्ट फंड | 8.65% | 10.96% | 5000 |
टाटा डिजिटल इंडिया फंड | 35.52% | 41.48% | 5000 |
डायरेक्ट प्लान में निवेश करने के लिए केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है। इसके बाद किसी एएमसी में निवेश किया जा सकता है, बिना किसी ब्रोकिंग चार्ज के निवेश किया जा सकता है।
निवेश करने के लिए फंड हाउस की वेबसाइट पर जाये और जिस भी योजना में निवेश करना चाहते हैं, उसमें निवेश कर सकते हैं। अगर नए हैं तो रजिस्टर नाउ या न्यू इन्वेस्टर की लिंक पर क्लिक कर यूजरनेम और पासवर्ड सेट करें। जिस कंपनी में निवेश कर रहे हैं, उस कंपनी के बारे में पूरी जाँच पड़ताल करें।
रेगुलर प्लान में आसानी से कम रिस्क के साथ निवेश किया जा सकता है। रेगुलर प्लान में निवेश करने के लिए Policybazaar वेबसाइट है, जहां से निवेश शुरू किया जा सकता है, यहां अच्छा रिटर्न हासिल करने के लिए बेहतरीन गाइडेंस मिलता है।
पॉलिसीबाजार किसी संस्था द्वारा पेश किए गए किसी विशेष प्रोडक्ट का समर्थन, मूल्यांकन या अनुशंसा नहीं करता है। टैक्स बेनिफिट टैक्स कानूनों में परिवर्तन के अधीन है। शर्ते लागू है।
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