रक्षा पेंशन योजना क्या है?
रक्षा पेंशन योजना एक पेंशन योजना है जिसके तहत भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के सैनिको और उनके परिवारो को मुश्किल समय में आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाती है। रक्षा पेंशन योजना (Indian Army Pension) के तहत कार्यरत सैनिको या उनके परिवारों को जीवनभर पेंशन के माध्यम से उनका सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित किया जाता है।
रक्षा पेंशन योजना में पेंशन एकमुश्त और नियमित दोनो प्रकार से दी जाती है। न्यूनतम पेंशन राशि जो सुरक्षा बलो के जवानो को दी जाती है, वह 9,000 रुपए प्रति माह है। रक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत आर्थिक लाभ के साथ चिकित्सा लाभ, कैंटिन सुविधाएं, शैक्षिक लाभ और यात्रा खर्च में छुट जैसे अन्य लाभ प्रदान किए जाते है। योजना से संबंधी सारी जानकारी (Army Pension Details) आप इस लेख से प्राप्त कर सकते है।
रक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत पेशन के विभिन्न प्रकार क्या है?
रक्षा पेंशन योजना (Army Pension) के अंतर्गत निम्नलिखित प्रकार की पेंशन प्रदान की जाती है:
- सेवा पेंशन - रक्षा पेंशन योजना में न्यूनतम पेंशन 9,000 प्रति माह है। अधिकतम पेंशन आखिरी वेतन या पिछले 10 माह के औसत वेतन का 50% जो भी ज्यादा हो वह दी जाती है। इसके लिए कमिशंड अधिकारी को न्यूनतम 20 वर्ष और जवान (PBOR) को न्यूनतम 15 वर्ष की सेवा पूरी करनी होती है।
- पारिवारिक पेंशन / विधवा पेंशन (Army Widow Pension) - जवान की प्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में परिवार को न्यूनतम 9,000 रुपए की मासिक पेंशन प्रदान की जाएगी।
- विशेष पारिवारिक / विधवा पेंशन - अगर किसी सैनिक की मृत्यु रक्षा सेवा से संबंधी वजह या सेवा से बढ़ी हुई वजह से होती है, तो उसके परिवार को खास पारिवारिक पेंशन दी जाती है। यह पेंशन मृतक सैनिक के आखिरी वेतन का 60 प्रतिशत होती है।
- लिबरलाइज्ड पारिवारिक / विधवा पेंशन - योजना के तहत पेंशन उन परिवारो को दी जाती है जिन परिवारो के जवान युद्ध, युद्ध संबंधी अभियान या आतंकी मुठभेड़ आदि परिस्थितियों में शहीद हो जाते हैं। इस पेंशन की राशि शहिद जवान की आखिरी वेतन के बराबर होती है।
- विकलांगता पेंशन (Viklang Pension) - अगर किसी जवान को सेवा के दौरान विकलांगता का सामना करना पडता है, पूरी तरह विकलांग होने पर पेंशन अंतिम वेतन का अधिकतम 30% तक हो सकती है, लेकिन यदि विकलांगता 20% से कम हो तो कोई पेंशन दी जाती है।
- युद्ध क्षति पेंशन - युद्ध क्षति पेंशन 100% विकलांगता की स्थिति में दी जाती है। यदि सैनिक सेवा से अमान्य घोषित होकर बाहर आता है तो उसे आखिरी वेतन के बराबर पेंशन दी जाती है और अगर सैनिक केवल डिस्चार्ज किया गया हो तो उसे अंतिम वेतन का 60% पेंशन दिया जाता है।
रक्षा पेंशन योजना का लाभार्थी कौन होगा?
- पूर्व अधिकारी जिन्होंने न्यूनतम 20 वर्ष सेवा दी हो।
- पूर्व गैर-अधिकारी जिन्होंने न्यूनतम 15 वर्ष सेवा दी हो।
- रक्षा सेवाओं में कार्यरत भारतीय नागरिक।
- शहिद सैनिको के परिवार।
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निष्कर्ष
रक्षा पेंशन योजना भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के जवानो को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। जिससे वृद्धावस्था व सैनिक की अनुपस्थिति में भी परिवार की जरूरते पूरी होती रहे। रक्षा पेंशन योजना के तहत जवानो द्वारा देश के लिए दिए गए बलिदान का ध्यान में रख उनके परिवार की देखभाल सुनिश्चित की जाती है।