महंगाई क्या है?
महंगाई के पेंशन पर प्रभाव को समझने के लिए पहले महंगाई को समझना जरूरी है कि, आखिर महंगाई है क्या? जब समय के साथ खाना, दवाईयां, किराया व कपडे आदि की किमतो में बढोतरी होने लगती है, तो इसे मंहगाई का बढना या मुद्रास्फिति कहते है। ऐसा होने पर लोगो की खरीदने की शक्ति कम होने लगती है, जिसे अंग्रेज़ी में Purchasing Power भी कहते है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए आज किसी चीज़ की कीमत बाज़ार में 100 रुपए है, लेकिन कुछ वर्ष बाद उसी की कीमत 150 हो जाती है, तो इसका मतलब महंगाई बढ गयी है और आपकी खरीदने की शक्ति कम हो गई है।
महंगाई का पेंशन पर क्या प्रभाव पडता है?
पेंशन योजनाएं वृद्धवस्था में नियमित पेंशन प्रदान करने के लिए बनाई जाती है। वृद्धावस्था में आमतौर पर लोगो के पास नियमित आय़ का साधन नहीं होता है, ऐसे में लोग पूर्ण रूप से जीवनयापन के लिए पेंशन पर निर्भर रहते है। पेंशन योजनाओं के तहत लोगो को एक तय राशि दी जाती है, ऐसा देखने को कम मिलता है, जब पेंशन राशि में बढोतरी की जाती है। ऐसे में जब महंगाई बढती है, तो जीवनयापन की लागत भी बढती है।
अब ऐसे में यदि आभी आपको 2,000 रुपए की नियमित पेंशन मिलती है और हर वर्ष महंगाई 3% बढ रही है। तो 10 साल के बाद पेंशन तो 2,000 ही रहेगी, लेकिन आप 2,000 रुपए से उतनी चीज़े नहीं खरीद पाएंगे जितनी आप अभी खरीद सकते है। क्यूकि हर वर्ष 3% महंगाई बढने के कारण आपकी खरीदने की शक्ति कम होने लगेगी।
ऐसे में निम्नलिखित जीवन पर निम्नलिखित प्रभाव पड सकते है:
- जीवन यापन की लागत बढ सकती है।
- चिकित्सा संंबंधी खंर्च में बढोतरी हो सकती है।
- खर्च बढेंगे, तो बचत जल्दी खत्म हो सकती है।
- परिवार के पालन पोषण में दिक्कतो का सामना करना पड सकता है।
निष्कर्ष
महंगाई का प्रत्येक्ष रूप से पेंशन पर प्रभाव पडता है। जिससे लोगो की जीवन शैली पर फर्क दिखता है। पेंशन पर महंगाई के प्रभाव को रोकने के लिए सरकार द्वारा कुछ कदम उठाये जा सकते है। साथ ही लोगो में वित्तिय साक्षरता का निर्माण करके महंगाई के प्रभाव को कम किया जा सकता है।