पेंशन प्लान्स को मुख्यतः रेटायर्मेंट प्लान या योजना भी कहा जाता है। जिसमें आप अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा निर्धारित योजना में डाल सकते हैं और रेटायर्मेंट के बाद उस राशि का उपयोग कर अपने भविष्य को सिक्योर कर सकते हैं। पेंशन योजना (Pension Scheme) के पीछे मूल उद्देश्य रेटायर्मेंट के बाद सभी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए आवश्यक धन का संचरण (Collection) करना है। लगातार बढ़ती महंगाई को देखते हुए, इन योजनाओं (Schemes) में इन्वेस्ट करना आज के समय में बहुत ही जरुरी हो गया है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और आर्टिकल के माध्यम से इंडिया में पेंशन के बेस्ट प्लान्स के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।
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पेंशन स्कीम या रेटायर्मेंट स्कीम एक प्रकार का फंड है जिसमें आपकी सैलरी से एक निर्धारित अमाउंट (Decided Amount) आपके रोजगार (Jobs) के कार्यकाल के दौरान भविष्य की प्लानिंग (Future Planning) को देखते हुए इन्वेस्ट किया जाता है। यह इन्वेस्टमेंट रेटायर्मेंट के बाद सभी आवश्यकताओं को पूरा करने और सिक्योर फ्यूचर रखने में मदद करता है। पेंशन स्कीम या रेटायर्मेंट स्कीम को भविष्य की प्लानिंग (Future Planning) के रूप में भी जाना जा सकता है।
जैसा की पढ़ने से ही पता चलता है पेंशन योजना या रेटायर्मेंट योजना एक प्रकार की इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जो आपको अपनी बचत का एक हिस्सा लंबी अवधि में जमा करने में मदद करती है ताकि आपके पास एक सुरक्षित वित्तीय भविष्य (secure financial future) हो सके। पेंशन योजना आपको रेटायर्मेंट के बाद की अनिश्चितताओं (uncertainties) से निपटने में मदद करती है और रेटायर्मेंट के बाद आय का एक स्थिर प्रवाह (steady flow) सुनिश्चित करती है।
पेंशन स्कीम के तहत इन्वेस्टमेंट करने वालों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, मार्किट में पेंशन योजनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला (wide range) उपलब्ध है। योजना संरचना और लाभों के आधार पर इन योजनाओं के कई वर्गीकरण हैं। इन पेंशन योजनाओं को आगे निम्न श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
यह भारत सरकार (Government of India) द्वारा रेटायर्मेंट के बाद इन्वेस्टर्स को नियमित आय प्रदान करने के लिए भारत में एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान (Long Term Investment Plan in Hindi) के रूप में शुरू की गई एक पेंशन स्कीम है। कोई भी व्यक्ति इस योजना में 60 वर्ष की आयु तक इन्वेस्टमेंट करना जारी रख सकता है, जिसके बाद न्यूनतम 40% धनराशि का उपयोग नियमित आय देने वाली एन्युटी स्कीम खरीदने के लिए किया जाना चाहिए। शेष 60% एकमुश्त राशि के रूप में निकली जा सकती है।
PFRDA ने भारत में पेंशन फंड को संचालित करने के लिए छह कंपनियों को मान्यता दी है। पेंशन फंड के लिए आपको अपनी पसंद के फंड में एक निश्चित अवधि के लिए एक निश्चित राशि का इन्वेस्टमेंट करने की आवश्यकता होती है। फंड प्रदान करने वाली कंपनियां आम तौर पर विभिन्न इन्वेस्टर्स के अनुरूप कई अलग-अलग प्रकार के फंड ऑफर करते है। जैसे-जैसे फंड का मूल्य बढ़ता है, वैसे ही उनमें आपका इन्वेस्ट भी होता है। सेवानिवृत्ति (Retirement) के बाद, आप पूरी राशि निकाल सकते हैं।
ये प्लान्स मुख्यतः लाइफ कवर और इन्वेस्टमेंट के दोहरे लाभ प्रदान करती हैं। आपके प्रीमियम का एक हिस्सा लाइफ कवर के लिए और शेष आपकी पसंद के फंड में इन्वेस्ट किया जाता है। मचुरिटी पर, आप एक बार में पूरी राशि निकाल सकते हैं या नियमित भुगतान प्राप्त कर सकते हैं। यदि पॉलिसी अवधि के दौरान आपकी मृत्यु हो जाती है, तो आपके नामांकित व्यक्ति (Nominee) को मृत्यु लाभ प्राप्त होगा।
यह जॉब करने वाले व्यक्तियों को प्रदान किए जाने वाले पब्लिक प्रोविडेंट फंड के समान है, लेकिन अंतर केवल इतना है कि कोई भी Public Provident Fund अकाउंट खोल सकता है। पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड इन्वेस्टमेंट को 15 साल तक के लिए रखा जाता है, और रिटर्न की वर्तमान दर 7.1% है, जो हर साल सरकार द्वारा तय की जाती है। इसमें इन्वेस्ट करने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि कोई भी व्यक्ति सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स कटौती का दावा कर सकता है।
20 से अधिक लाइफ इन्शुरन्स कंपनी हैं जो भारत में पेंशन योजनाओं के विभिन्न प्लान की पेशकश करती हैं। हर कंपनी के प्लान ग्राहकों की आवश्यकताओं के आधार पर भिन्न-भिन्न होते हैं। अपने विशिष्ट रेटायर्मेंट लक्ष्यों (specific retirement goals) के आधार पर, ग्राहक अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने वाली सही स्कीम चुन सकते हैं। इंडिया की बेस्ट पेंशन स्कीम की सूची नीचे दी गई है:
एलआईसी न्यू जीवन निधि प्लान के तहत आप बचत और सुरक्षा (Security) लाभ दोनों प्राप्त कर सकते हैं। इसमें भुगतान किया गया प्रीमियम आयकर (Income Tax) अधिनियम के तहत कर छूट के लिए पात्र होता है। इसमें इन्वेस्ट करने के लिए न्यूनतम आयु 20 वर्ष तथा अधिकतम आयु 58 वर्ष है। साथ ही आप एलआईसी न्यू जीवन निधि प्लान में न्यूनतम 5 वर्ष या अधिकतम 35 वर्षों के लिए अपनी राशि को इन्वेस्ट कर सकते हैं।
एलआईसी जीवन अक्षय VI प्लान ऐसा प्लान है, जो सिंगल प्रीमियम का भुगतान करने के तुरंत बाद पेंशन प्रदान करता है। इसमें इन्वेस्ट करने के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष तथा अधिकतम आयु 85 वर्ष है। साथ ही एलआईसी जीवन अक्षय VI प्लान में खरीदार द्वारा चुने गए विकल्प के आधार पर पेंशन का भुगतान तुरंत किया जाता है।
एसबीआई लाइफ सरल पेंशन प्लान पहले पांच पॉलिसी वर्षों के दौरान 2.50% और 2.75% के बीच गारंटीड बोनस प्रदान करता है। यह एसबीआई लाइफ़ - प्रेफ़र्ड टर्म राइडर खरीदकर हाई कवरेज प्राप्त करने का विकल्प भी प्रदान करता है। इसमें इन्वेस्ट करने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु 60 वर्ष है। साथ ही आप एसबीआई लाइफ सरल पेंशन प्लान में न्यूनतम 5 वर्ष या अधिकतम 40 वर्षों के लिए अपनी राशि को इन्वेस्ट कर सकते हैं।
लॉन्ग टर्म के लिए सेविंग्स - पेंशन प्लान का सबसे अच्छा फायदा यह है कि आप लॉन्ग टर्म के लिए अपनी सेविंग्स कर सकते हैं और आने वाले समय में उस सेविंग्स का उपयोग कर सकते हैं।
रेटायर्मेंट के बाद भी आय - यदि आप अभी से ही पेंशन प्लान में इन्वेस्ट करते हैं तो रेटायर्मेंट के बाद भी एक निश्चित आय के हक़दार हो जाते हैं, जो कि पेंशन प्लान लेने के सबसे अहम् फायदों में से एक है।
बिना जोखिम का इन्वेस्टमेंट - पेंशन प्लान की एक खासियत यह है कि यह बहुत ही कम जोखिम वाला इन्वेस्टमेंट इसलिए लोग इस प्लान में अपने इन्वेस्टमेंट को करने को योजना बनाते हैं।
इनकम टैक्स से राहत - यदि आप इनकम टैक्स पे करते हैं तो पेंशन प्लान में इन्वेस्टमेंट करना आपके लिए और अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें इनकम टैक्स में छूट प्रदान की जाती है।
यदि आप रेटायर्मेंट के बाद के लिए पेंशन प्लान में इन्वेस्ट करने की योजना बना रहे हैं, तो आपके पास तीन मुख्य पात्रता मानदंड (eligibility criteria) होना आवश्यक है।
प्रवेश आयु: आप एक निश्चित आयु के बाद ही पेंशन प्लान में इन्वेस्ट कर सकते हैं। विभिन्न बीमा योजनाओं (Insurance Plans) के लिए अलग-अलग आयु वर्ग हैं, लेकिन आम तौर पर, पेंशन योजना के लिए न्यूनतम प्रवेश आयु 18 वर्ष है। हालांकि, कुछ कंपनियां ऐसी भी हैं जिन्होंने इन प्लान्स के लिए एंट्री की उम्र 30 साल तय की है।
प्रीमियम: एक न्यूनतम प्रीमियम भुगतान है जो पॉलिसीधारक (Policy Holder) को पेंशन योजना लेने के लिए भुगतान करना पड़ता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पॉलिसीधारक द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम के अनुसार पेंशन प्राप्त होती है।
निहित आयु: यह वह उम्र है जिस पर पॉलिसीधारक को पेंशन मिलना शुरू हो जाती है। आम तौर पर, इसे 40 साल पर सेट किया जाता है। यह बीमा प्रदाता (insurance provider) द्वारा प्रदान की गई सीमा तक निर्धारित होती है।
हमें उम्मीद है कि इस लेख ने आपको इंडिया में पेंशन के बेस्ट प्लान्स के बारे में जानने में मदद की है। आप ऊपर बताये गए किसी भी पेंशन प्लान में इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं और अपने भविष्य की राह को सुरक्षित कर सकते हैं।
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