सेवानिवृत्ति योजना: कैसे करे 2025 में रिटायरमेंट प्लानिंग
देश में बढ़ती महंगाई को देखते हुए रिटायरमेंट प्लानिंग अब हर आयु के व्यक्ति के लिए जरूरी हो गई है। आज आपकी नियमित आय है, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद नहीं होगी। ऐसे में अपने और परिवार का जीवन यापन कैसे करेंगे? भारत में 2050 तक लगभग 20 प्रतिशत लोग 60 वर्ष की आयु से ज्यादा के होंगे और स्वास्थय संबंधी क्षेत्रो में महंगाई हर साल 12-14% की तिव्र गती से बढ रही है। समय-समय पर सरकार कई योजनाएं लाती रही है जिससे लोगो के पास एक नियनित आय का साधन रहता है।
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सेवानिवृत्ति योजना का उद्देश्य भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाना है ताकि रिटायमेंट के बाद जीवन सरल रहे। यह केवल पैसो तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्ति को मानसिक और आर्थिक दोनों रूप से आत्मनिर्भर बनाती है। जब नियमित आय का साधन नही रहता, तब सबसे बड़ा सवाल होता है - घर कैसे चलेगा, स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतें कैसे पूरी होंगी और निजी खर्चों का क्या होगा? इन सब सवालों के जवाब तलाशने के लिए की जाती है सेवानिवृत्ति योजना। एक अच्छी योजना तब बनती है जब आप अपनी भविष्य की जरुरतो को समझ लेते हैं और उसी अनुसार योजना बनाते हैं।
भारत में लोगों की इन्हीं जरूरतों को समझते हुए समय के साथ कई निवेश विकल्प लाए गए, जिनका उद्देश्य एक आयु के बाद लोगो को नियमित आय प्रदान करना है। इनमें कुछ लोकप्रिय योजनाएं हैं कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS), सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), पेंशन योजनाए, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), और विभिन्न म्यूचुअल फंड।
एक अच्छी योजना आपके जीवनस्तर को बनाए रखती है और आपको मानसिक शांति भी देती है, ताकि आप अपने बुढ़ापे को खुशी-खुशी जी सके।
पिछले कुछ दशको में दुनिया ने स्वास्थय संबंधी क्षेत्रोंं में कमाल की सफलता हासिल की है, जिस से लोगो की जीवन शैली में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। भारत में औसत जीवन प्रत्याशा (life expectancy) 2015 में लगभग 68 वर्ष थी। 2020 तक यह बढ़कर लगभग 70 वर्ष हो गई थी, और इस संख्या मे लगातार इज़ाफा हो रहा है, जिससे यह संभावना बनती है कि लोग सेवानिवृत्ति के बाद 20 से 30 वर्ष या उससे अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं।
महंगाई को मात देना
महंगाई समय के साथ खरिदने की शक्ति (परचेसिंग पॉवर) को कम कर देती है। यदि महंगाई 5% सालाना है, तो खर्च हर 14 साल में दोगुना हो जाता है। अगर आप 20 साल बाद रिटायर होंगे, तो आज के मुकाबले आपके खर्च दोगुने से भी ज्यादा होंगे। रिटायरमेंट प्लानिंग आपको एक ऐसा फंड बनाने सहायता कर सकता है जो महंगाई को मात दे सके।
परिवार की सुरक्षा
यह केवल आप तक सिमित नही है, एक सही निवेश आपके साथ साथ आपके परिवार को भी आर्थिक सुरक्षा देगा, और आप अपनी नामौजूदगी मे भी परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर जाते है।
जीवन शैली के स्तर को बनाए रखना
रिटायरमेंट प्लानिंग यह सुनिश्चित करती है कि आप अपने जीवन को उसी तरह जिए जैसे आप पहले जी रहे थे। आपको किसी तरह का संघर्ष ना करना पडे।
सेवानिवृत्ति लक्ष्यो को हासिल करना
रिटायरमेंट प्लानिंग आपके सपने पूरे करने में मदद करता है, अब चाहे वह दुनया घुमना हो, बच्चो की शादि करना हो यो अन्य कोई सपना हो।
किसी आपातकाल स्तिथि के लिए तैयार रहना
जीवन अनिश्चितताओं से भरा है, कब क्या हो इसका पूर्व अनुमान नही लगाया जा सकता है। लेकिन किसी भी आपात या अनिश्चित स्तिथि के लिए खुदको तैयार जरुर किया जा सकता है। सेवानिवृत्ति योजना ऐसी ही स्तिथि के लिए आपात फंड बनाने में सहायता कर सकते है।
भारत में सेवानिवृत्ति योजना के लिए पात्रता क्या है
किसी भी निवेश विकल्प का चयन करने से पहले यह जानना आवश्यक है कि योजना काम कैसे करती है और आप उसेके लिए योग्य है भी या नही,यह सब जानने के बाद ही फैसला ले।
प्रवेश आयु - भारत में अधिकतर योजनाओं मे प्रवेश आयु 18 सुनिश्चित की गई है, आप जितनी ज्लदी योजनाओं निवेश शुरु करेंगे आपको उतना ही लाभ मिल सकता है।
योगदान - योजनाओं मे आपको नियमित रुप से योगदान करना होता है, कई योजनाएं आपको मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक रुप से योगदान करने का विकल्प देती है।
परिपक्वता आयु (vesting age) - वेसटिंग ऐज वह समय होता जब आपको योजना का लाभ मिलने लगता है। आमतौर पर यह 40 से 80 साल के बीच का समय होता है। विभिन्न योजनाओं में यह आयु अलग हो सकती है।
रिटायरमेंट की योजना बनाते समय किन बाता का ध्यान रखना चाहिए
सेवानिवृत्ति योजना बनाते समय कुछ बातो का खास ध्यान रखना आवश्यक है।
रिटायरमेंट की आयु और समय सीमा - आप काम करना कब बंद करना चाहते है?, यह सुनिश्चित करता है कि आपके पास निवेश करने के लिए कितना समय है और आप कितने समय तक निवेशित रह सकते है।
जोखिम उठाने की क्षमता - युवा निवेशक ज्यादा जोखिम उठा सकते हैं क्योंकि उनके पास समय होता है, जिनकी आयु ज्यादा होती ऐसे निवेशकों को अपने पैसों की सुरक्षा को पहले प्राथमिकता देनी चाहिए।
वर्तमान आर्थिक स्तिथि - अपने खर्च, कमाई, ऋण और संपत्ति को जानिए, और उनके अनुसार योजना बनाए।
भविष्य के खर्च - महंगाई को ध्यान में रखकर विचार करे कि आपकी जीवन शैली के अनुसार भविष्य मे किन चिज़ो की जरुरते पड सकती है और उसमे कितना खर्चा हो सकता है।
लोन का भुगतान - कोशिश करे रिटायरमेंट से पहले ज्यादा ब्याज वाले कर्ज को चुकता करदे।
विविध पोर्टफोलियो- अपने निवेश को NPS, PPF, ULIP, रियल एस्टेट और म्यूचुअल फंड जैसे विभिन्न विकल्पों में मे निवेश करे।
आय के नियमित साधन पर ध्यान दे - ऐसी योजनाओं मे निवेश करे जिनसे नियमित आय मिती रहे, जैसे एन्युटी प्लान्स, जो रिटायरमेंट के बाद आपको नियमित आय प्रदान करता है।
वार्षिक समीक्षा- जैसे-जैसे आपके लक्ष्य बदलते हैं, अपने पोर्टफोलियो की नियमित रूप से जांच करें और उसे संतुलित करते रहे।
लंबी अवधि की सरकारी बचत योजना, जिसमें ब्याज और मेच्योरिटी की रकम टैक्स फ्री होती है।
धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की कटौती की सुविधा।
किसी भी आयु का व्यक्ति
राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC)
सरकारी फिक्स्ड इनकम योजना, जिसमें 5 साल की मेच्योरिटी होती है और ब्याज दर समय-समय पर बदली जाती है।
धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की कटौती की सुविधा।
सुरक्षित निवेश पसंद करने वाले लोग।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)
बाजार से जुड़ी पेंशन योजना जो शेयरों, बॉन्ड्स और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करती है।
(धारा 80CCD(1B) सहित) ₹2 लाख तक की कटौती की सुविधा।
निवेशक जो मध्यम से अधिक जोखिम उठा सकते है
डेट म्यूच्युल फंड
फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज़ में निवेश करती है; रिटर्न बाजार से जुड़े होते हैं लेकिन आमतौर पर शेयरों की तुलना में सुरक्षित माने जाते हैं।
पूंजीगत लाभ (Capital Gains) के रूप में कर लगाया जाता है।
रिटायरमेंट के करीब पहुंच चुके लोग जो जोखिम से बचना चाहते हैं।
आपको रिटायरमेंट के लिए कितने पैसो की आवश्यकता पड सकती है
आमतौर पर यह इस बात पर निर्भर करता है कि रिटायरमेंट के बाद आपकी जीवन शैली कैसी होगी।
रिटायरमेंट के फंड की गणना कुछ मुख्य बातो पर निर्भर करती है, आप गणना करने के लिए पॉलिसी बाजार के पेंशन कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते है।
मासिक खर्च- अपने वर्तमान खर्चो का आकलन करे और भविष्य के खर्चो का अनुमान लगाए।
वर्तमान बचत - रिटायरमेंट सेविंग के लिए अलग बैंक खाता बनाए।
नियमित निवेश - अपने नियमित SIPs को भी शामिल करें।
महंगाई दर - भविष्य के लिए 5-7 % महंगाई दर मान कर चले।
जीवन प्रत्याशा (life expectancy) - रिटायरमेंट प्लान हमेशा 20 से 30 साल का सोच कर करे।
रिटायरमेंट प्लानिंग में अक्सर की जाने वाली गलतियाँ।
जल्दी शुरुआत ना करना - सेवानिवृत्ति योजना में देरी करने से फंड कम बनता है, जबकि जलदी निवेश करने से कंपाउंडिंग के माध्यम से तेज़ी से बढ़ता है।
भविष्य में बढने वाली महंगाई और खर्चो का अनुमान ना लगाना - लोग अक्सर महंगाई को हल्के में आक लेते है और बिना सोचे समझे योजना बना लेते है।
कर्ज को रिटायरमेंट से पहले चुकता ना करना - कर्ज आय पर बोझ डालता है। बेहतर होगा कि रिटायरमेंट से पहले सभी कर्ज चुका दिए जाएं ताकि मन शांत रहे।
स्वास्थय और आपातकालीन खर्चों को ध्यान में ना रखना - जब आयु बढती है तो स्वास्थय संबंधी खर्च भी बढते है, इन्हे अनदेखा करना मुश्किलें खडी कर सकता है
एक आय सोर्स पर निर्भर रहना - एक आय पर निर्भर रहना जोखिम भरा हो सकता है। स्थिरता बनाए रखने के लिए एक सा ज्यादा आय साधनो के बारे मे सोचिए।
निवेश पर नियमित ध्यान ना देना -आपकी सेवानिवृत्ति योजना को समय-समय पर अपडेट करना ज़रूरी है।
फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस, रिटायर अर्ली (FIRE) मूवमेंट FIRE मूवमेंट का उद्देश्य उम्र से पहले रिटायर होकर आर्थिक स्वतंत्रता हासिल करना है। इसके तहत लोग बचत और निवेश करते हैं ताकि जल्दी रिटायर हो सकें।
अपने आप से यह सवाल पूछ कर सुनिश्चित करे की आप रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए तैयार है या नही।
क्या आपने अपनी रिटायरमेंट की आयु और खर्चों का अनुमान लगाया है?
क्या आपका कई जगहों निवेश किया है?
क्या आप रिटायरमेंट के लिए नियमित रूप से बचत कर रहे हैं?
क्या आपने महंगाई और स्वास्थय संबंधी खर्चों को ध्यान में रखा है?
क्या आपके पास पर्याप्त हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस है?
क्या आपने ज्यादा ब्याज वाले कर्ज चुका दिए हैं?
क्या आपके परिवार को आपकी रिटायरमेंट योजना और ज़रूरी दस्तावेज़ों की जानकारी है?
क्या आप हर साल अपनी रिटायरमेंट योजना की समीक्षा करते हैं?
अगर आपके जवाब ना है, तो आप अभी रिटायमेंट प्लानिंग के लिए तैयार नही है।
निष्कर्ष
सेवानिवृत्ति योजना बनाना सिर्फ पैसो की बचत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सुरक्षित और स्थिर भविष्य बनाने की दिशा में पहला कदम है। सही कदम लेकर आप ऐसी योजना बना सकते हैं जो आपको वृद्धावस्था में आर्थिक मजबूती प्रदान कर सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
रिटायरमेंट के लिए कितना फंड आवश्यक है?
Cरिटायरमेंट के लिए कितने पैसे चाहिए, इसका अंदाजा लगाने के लिए आपको अपने अभी के खर्च, रिटायरमेंट के समय की जिंदगी, इलाज पर आने वाला खर्च, महंगाई और उम्र के हिसाब से योजना बनानी चाहिए। ऑनलाइन रिटायरमेंट कैलकुलेटर से आप आसानी से जरूरी रकम का अनुमान लगा सकते हैं।
भारत मे रिटायरमेंट प्लान्स का लाभ प्राप्त करने के लिए कितनी न्यूनतन आयु होनी चाहिए?
भारत मे ज्यादर रिटायरमेंट प्लान्स मे न्यूनतम आयु 18 वर्ष है।
50-30-20 बजट नियम क्या है और यह रिटायरमेंट प्लानिंग से कैसे जुड़ा है?
50-30-20 नियम के अनुसार, आपकी कमाई का 50% जरूरी खर्चों पर, 30% इच्छा से जुड़े खर्चों पर और 20% बचत व निवेश पर लगाना चाहिए। यह नियम रिटायरमेंट के लिए बचत कोबढावा देने में सहायता करता है।
रिटायरमेंट के लिए नया 4% नियम क्या है?
नया 4% नियम कहता है कि रिटायरमेंट के पहले साल अपनी कुल बचत का 4% निकालें और हर साल महंगाई के हिसाब से इसे थोड़ा बढ़ाते जाए। इससे आपकी बचत कम से कम 30 साल तक चल सकती है, लेकिन बाजार की स्थिति के अनुसार इसमें लचीलापन रखना जरूरी है।
˜The insurers/plans mentioned are arranged in order of highest to lowest first year premium (sum of individual single premium and individual non-single premium) offered by Policybazaar’s insurer partners offering life insurance investment plans on our platform, as per ‘first year premium of life insurers as at 31.03.2025 report’ published by IRDAI. Policybazaar does not endorse, rate or recommend any particular insurer or insurance product offered by any insurer. For complete list of insurers in India refer to the IRDAI website www.irdai.gov.in *All savings are provided by the insurer as per the IRDAI approved insurance
plan.
^The tax benefits under Section 80C allow a deduction of up to ₹1.5 lakhs from the taxable income per year and 10(10D) tax benefits are for investments made up to ₹2.5 Lakhs/ year for policies bought after 1 Feb 2021. Tax benefits and savings are subject to changes in tax laws.
+Returns Since Inception of LIC Growth Fund
¶Long-term capital gains (LTCG) tax (12.5%) is exempted on annual premiums up to 2.5 lacs. ++Source - Google Review Rating available on:- http://bit.ly/3J20bXZ
^^The information relating to mutual funds presented in this article is for educational purpose only and is not meant for sale. Investment is subject to market risks and the risk is borne by the investor. Please consult your financial advisor before planning your investments.