उत्तर प्रदेश विकलांग पेंशन योजना क्या है?
उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले कुछ वर्षो में राज्य में तमाम सामाजिक कल्याण योजनाएं शुरु की है, उसी का महत्वपूर्ण हिस्सा है विकलांग पेंशन योजना। विकलांग पेशन के तहत यदि कोई व्यक्ति 40 प्रतिशत से ज़्यादा विक्लांगता की श्रेणी में आता है तो, उन्हे यूपी सरकार हर महीने ₹1,000 रुपए की पेंशन देगी।
दिव्यांग पेंशन योजना का उद्देश्य शारिरीक या मांसिक रुप से असक्षम लोगो को आर्थिक सहायता प्रदान करके उनकी जीवन शैली के स्तर में सुधार लाना है। विकलांग पेंशन का लाभ केवल उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी प्राप्त कर सकते है।
दिव्यांग पेंशन के लिए आवेदन कैसे करे
यहां बताई गयी प्रक्रिया के माध्यम से आप दिव्यांग पेंशन योजना के लिए आवेदन कर सकते है।
- उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाए - https://sspy-up.gov.in इस वेबसाइट के माध्यम से ही आवेदन किया जा सकता है।
- होम पेज पर 'दिव्यांग पेंशन’ पर क्लिक करें, उसके बाद 'ऑनलाइन आवेदन करें' खोजे और क्लिक करें।
- अब रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आवश्यक जानकारी ध्यानपूर्वक भरे।
- बैंक खाते का नंबर, IFSC कॉड और अपनी आय की जानकारी लिखे।
- अब दिव्यांगता की जानकारी दर्ज करे। आवश्यक दस्तावेज़ साथ में अपलॉड करे।
- अंत मे जानकारी को एक बार पढे और फॉर्म सबमिट करे।
उत्तर प्रदेश विकलांग पेंशन योजना की सूची कैसे देखे
UP विकलांग पेंशन लिस्ट 2025-26 को देखने के लिए आपको उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा, https://sspy-up.gov.in यहां 'दिव्यांग पेंशन’ के विकल्प पर क्लिक करे, इस प्रक्रिया के बाद आपको विकलांग पेंशन लिस्ट मिल जाएगी।
UP विकलांग पेंशन आवेदन की स्थिति कैसे देखे
विकलांग पेंशन की स्थिति की जाँच करने के लिए आपको https://sspy-up.gov.in वेबसाइट पर जाकर, लॉगइन करना होगा, जिसके बाद विकलांग पेंशन योजना में आवेदन की स्थिति देखने के लिए आपको योजना का नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर और बैंक खाते का नंबर भरकर सबमिट करना होगा, जिसके बाद आवेदक विकलांग पेंशन योजना आवेदन की स्थिति चेक कर सकते है।
निष्कर्ष
विकलांग पेंशन योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विकलांगो के लिए शुरु की गयी पेंशन योजना है,जो विकलांग लोगो की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है। जिसके तहत उत्तर प्रदेश सरकार पात्र आवेदको को ₹1,000 रुपए की मासिक पेंशन राशि देती है। उत्तर प्रदेश सरकार आर्थिक सहायता के माध्यम से सुनिश्चित करती है, कि विकलांग जन अपनी जरूरतो को पूरा करे और समाज में सम्मान से अपना जीवन व्यतीत कर सके।