एनपीएस या नेशनल पेंशन स्कीम गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया द्वारा शुरू किया गया इन्वेस्टमेंट कम पेंशन प्लान है। यह योजना पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory and Development Authority) द्वारा विनियमित (regulated) और प्रशासित (administered) है। भारत सरकार द्वारा इस स्कीम को स्टार्ट करने का मुख्य उद्देश्य भारत के सीनियर सिटीजन्स को फ्यूचर के लिए फाइनेंसियल सिक्योरिटी प्रदान करना है। नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) प्रभावशाली लॉन्ग-टर्म सेविंग्स ऑप्शन प्रदान करती है ताकि कोई भी व्यक्ति इस मार्किट बेस्ड प्लानिंग में इन्वेस्ट करके अपने रिटायरमेंट के समय की कुशलता से प्लानिंग कर सके।
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नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) एक वोलंटरी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जिसे ग्राहकों को उनके कामकाजी जीवन के दौरान व्यवस्थित सेविंग्स के माध्यम से अपने भविष्य के बारे में सही निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एनपीएस (NPS) नागरिकों में रिटायरमेंट के लिए बचत करने की आदत डालने का प्रयास करता है। यह भारत के प्रत्येक नागरिक को पर्याप्त रिटायरमेंट आय प्रदान करने की समस्या का स्थायी समाधान खोजने की दिशा में एक सफल प्रयास है।
एनपीएस (NPS) के तहत, पर्सनल सेविंग्स को एक पेंशन फंड में जमा किया जाता है, जिसे पीएफआरडीए (PFRDA) के रेगुलेटेड प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स द्वारा एप्रूव्ड इन्वेस्टमेंट दिशानिर्देशों के अनुसार विविध पोर्टफोलियो में इन्वेस्ट किया जाता है जिसमें सरकारी बांड, बिल, कॉर्पोरेट डिबेंचर और शेयर (Share) शामिल होते हैं।
एनपीएस के तहत, एक ग्राहक को दो एकाउंट्स ओपन करने का विकल्प मिलता है। एनपीएस में शामिल होने के लिए टियर I एकाउंट्स खोलना अनिवार्य है और टियर II अल्टरनेटिव है। दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि एक को पेंशन अकाउंट माना जाता है और दूसरा इन्वेस्टमेंट अकाउंट (टियर II) है। जबकि, टियर II अकाउंट में फंड को निकलने की अनुमति है। टियर I अकाउंट के लिए आवश्यक मिनिमम एनुअल कंट्रीब्यूशन 250 रुपये है। हालांकि, प्रत्येक वर्ष के अंत में, 2,000 रुपये की यूनिट होल्डिंग्स होनी चाहिए, जिसका अर्थ है कि टियर I एकाउंट्स के लिए मिनिमम एनुअल कंट्रीब्यूशन 6,000 रुपये है।
एनपीएस अपने ग्राहकों को 3 फंड प्रदान करता है और इसमें एक्टिव चॉइस और ऑटो चॉइस में से एक चुनने का ऑप्शन होता है। ऑटो चॉइस के तहत, ग्राहक की उम्र के आधार पर पर्सनल इन्वेस्टमेंट किया जाता है। एक्टिव चॉइस के तहत, व्यक्तियों के पास अपनी एसेट एलोकेशन चुनने कि फ्लेक्सिबिलिटी होती है।
सब्सक्राइबर निम्नलिखित शर्तों के अनुसार विथड्रॉ होते समय नेशनल पेंशन सिस्टम से अर्जित रिटर्न के साथ निवेश की गई राशि को निकाल सकता है:
60 वर्ष की रिटायरमेंट आयु प्राप्त करने से पहले निकासी
सब्सक्राइबर को अक्सुमुलेटेड फंड का 80% एन्युटी में इन्वेस्ट करने की आवश्यकता है।
सब्सक्राइबर एकमुश्त राशि का केवल 20% तक ही निकाल सकता है।
60 वर्ष की रिटायरमेंट की आयु प्राप्त करने के बाद निकासी
सब्सक्राइबर को अक्सुमुलेटेड फंड का 60% एन्युटी में इन्वेस्ट करने की आवश्यकता है।
सब्सक्राइबर एकमुश्त के रूप में इन्वेस्ट की गई राशि का 40% तक निकाल सकता है।
यूनिक एनपीएस अकाउंट देश के प्रत्येक नागरिक द्वारा स्वेच्छा से खोला जा सकता है, नीचे कुछ महत्वपूर्ण एनपीएस एलिजिबिलिटी बताई गई है।
आयु 18 - 65 के बीच
पीओपी, या इसकी अधिकृत शाखा (authorised branch) में खाता खोलने के आवेदन जमा करने की तिथि पर सब्सक्राइबर की आयु 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
केवाईसी
सब्सक्राइबर रजिस्ट्रेशन फॉर्म में दिए गए विवरण के अनुसार सब्सक्राइबर को अपने केवाईसी कि पूरी प्रोसेस करनी होगी।
सभी नागरिकों के पास अपने पूरे जीवन में केवल एक ही एनपीएस अकाउंट ओपन करने का विकल्प होता है। अकाउंट ओपन करने का आवेदन प्राप्त होने पर पीएफआरडीए प्रत्येक आवेदक को यूनिक परमानेंट अकाउंट नंबर (PRAN) आवंटित करता है।
व्यक्ति एनपीएस को ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी खोल सकते हैं। ऑफलाइन अकाउंट खोलते समय, ग्राहक को खाता खोलने के लिए केवाईसी दस्तावेजों के साथ एनपीएस आवेदन पत्र ले जाना चाहिए और जमा करना चाहिए। व्यक्ति वेबसाइट पर भी जा सकते हैं और "ऑनलाइन आवेदन करें" लिंक पर क्लिक करके एनपीएस आवेदन पत्र भर सकते हैं।
केंद्र सरकार के कर्मचारी | एनपीएस सेंट्रल गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स (सशस्त्र बलों को छोड़कर) और सेंट्रल ऑटोनोमस आर्गेनाइजेशन के सभी नए कर्मचारियों पर लागू होता है जो 1 जनवरी 2004 से सरकारी विभागों में शामिल हुए हैं। एनपीएस के दायरे में आने वाले लोग प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस- सर्विस प्रोवाइडर (पीओपी-एसपी) के जरिए ऑल सिटिजन मॉडल के तहत एनपीएस को सब्सक्राइब कर सकते हैं। |
राज्य सरकार के कर्मचारी | एनपीएस स्टेट गवर्नमेंट्स, ऑटोनोमस स्टेट एजेंसीज के सभी कर्मचारियों पर भी लागू होता है जो संबंधित राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचना की तारीख के बाद सेवाओं में शामिल होते हैं। कोई भी अन्य सरकारी कर्मचारी जो आवश्यक रूप से एनपीएस द्वारा कवर नहीं किया गया है, वह भी सभी नागरिक मॉडल के तहत सर्विस प्रोवाइडर (पीओपी-एसपी) के माध्यम से एनपीएस की सदस्यता ले सकता है। |
कॉर्पोरेट | हर कंपनी के पास सब्सक्राइबर लेवल या एंटरप्राइज लेवल पर इन्वेस्ट करने के विकल्प पर निर्णय लेने की छूट होती है। कंपनी या सब्सक्राइबर पेंशन फंड मैनेजर (पीएफएम) में से किसी एक को चुन सकते हैं। |
इंडिविजुअल | भारत के सभी नागरिक जिनकी आयु 18 से 60 वर्ष है, वे प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस (पीओपी)/प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस-सर्विस प्रोवाइडर (पीओपी-एसपी) के साथ एनपीएस में शामिल हो सकते हैं। |
यदि आप एक वर्किंग प्रोफेशनल हैं, तो आप निम्न के तहत एनपीएस में इन्वेस्ट करके इनकम टैक्स कटौती का लाभ प्राप्त कर सकते हैं:
सेक्शन 80C - आयकर अधिनियम के इस सेक्शन के तहत, आप अपने एनपीएस योगदान के लिए 1.5 लाख रुपये तक के इनकम टैक्स छूट के पात्र हैं।
सेक्शन 80CCD (1B) - एनपीएस इन्वेस्टर्स के लिए एक अतिरिक्त इनकम टैक्स लाभ आपको 50,000 रुपये तक के इन्वेस्टमेंट के लिए टैक्स कटौती का दावा करने की अनुमति देता है। यह कटौती सेक्शन 80C के अतिरिक्त है। इसलिए, आप केवल NPS में इन्वेस्ट करके सेक्शन 80C और 80CCD (1B) के तहत 2 लाख रुपये तक के कुल इनकम टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं।
सेक्शन 80CCD (2) - अंत में, यह लाभ एम्प्लायर द्वारा किए गए योगदान पर लागू होता है। इस प्रकार, यह केवल वेतनभोगी व्यक्तियों ( salaried individuals) के लिए है, न कि स्व-नियोजित पेशेवरों (not self-employed professionals) के लिए। अगर आप एक सरकारी कर्मचारी हैं, तो आप इस सेक्शन के तहत अपने वेतन कर कटौती का 14% दावा कर सकते हैं। इसी तरह, निजी क्षेत्र के कर्मचारी अपने वेतन का 10% का दावा कर सकते हैं।
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की अच्छी बात यह है कि इसमें इक्विटी अलॉटमेंट है। हालांकि, इक्विटी अलॉटमेंट अभी भी टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड जितना नहीं है।
इक्विटी से जुड़ी सेविंग्स स्कीम्स मुख्य रूप से इक्विटी में इन्वेस्ट करती हैं और एनपीएस की तुलना में अधिक रिटर्न प्रदान करती हैं। टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड की लॉक-इन अवधि भी एनपीएस से कम है।
ऊपर बताये गए विवरण से आप यह तो जान ही चुके होंगे की नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) क्या है और इसके क्या-क्या लाभ हैं, यदि आप भी एनपीएस (NPS) में इन्वेस्ट करने की योजना बना रहे हैं, तो जल्द से जल्द इन्वेस्टमेंट करना शुरू करें जिससे आपको सही समय पर सही रिटर्न प्राप्त हो सके।
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