हेल्थ इंश्योरेंस की पोर्टेबिलिटी

हेल्थ इंश्योरेंस की पोर्टेबिलिटी ऐसी सुविधा है जिससे पॉलिसीधारक किसी और बीमा कंपनी से एक बेहतर बीमा पॉलिसी खरीदने या बेहतर सेवाएं पाने के लिए अपनी मौजूदा बीमा कंपनी बदल सकते हैं। पोर्टेबिलिटी से, पॉलिसीधारकों के नवीनीकरण के इकट्ठे हुए कोई भी लाभ नई बीमा कंपनी में जाते हुए खत्म नहीं होते। लेकिन, पोर्टेबिलिटी सिर्फ़ पॉलिसी के नवीनीकरण के समय ही संभव होती है।

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      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी क्या होती है?

      हेल्थ इंश्योरेंस में पोर्टेबिलिटी का मतलब वह प्रक्रिया होती है जिसमें मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से बिना नो क्लेम बोनस (NCB), प्रतीक्षा अवधि जमा, मुफ़्त मेडिकल चेक अप आदि, जैसे इकट्ठे हुए लाभ खोए हुए किसी अन्य हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से एक नई पॉलिसी ली जाती है। इससे ग्राहकों को आज़ादी मिलती है कि अगर वे अपनी मौजूदा बीमा कंपनी से खुश नहीं हैं तो वे किसी बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस प्रदाता से बदल सकत हैं। हर पॉलिसीधारक पोर्टेबिलिटी सुविधा चुन सकता है बशर्ते पिछली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का बिना किन्हीं अंतरालों के नवीनीकरण किया गया हो।

      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन का करें?

      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया नीचे दी गई है।

      चरण 1: जिस बीमा कंपनी से आप बदलना चाहते हैं उसे अपनी मौजूदा बीमा पॉलिसी के नवीनीकरण की तारीख से कम से कम 45 दिन पहले एक पोर्टेबिलिटी अनुरोध भेजें

      चरण 2: पोर्टेबिलिटी अनुरोध प्राप्त होने पर, नया बीमाकर्ता प्रस्ताव एवं पोर्टेबिलिटी के फॉर्म देगा और विभिन्न उपलब्ध स्वास्थ बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस योजनाओं) का विवरण देगा

      चरण 3: जिस स्वास्थ्य योजना में आप जाना चाहते हैं वह चुनें और प्रस्ताव एवं पोर्टेबिलिटी के फॉर्म भर कर नए बीमाकर्ता को भेजें

      चरण 4: सभी फॉर्म प्राप्त होने के बाद, नया बीमाकर्ता आपके क्लेम का इतिहास, मेडिकल रिकॉर्ड, इत्यादि का विवरण जानने के लिए आपके पिछले बीमाकर्ता के पास जाएगा। नया बीमाकर्ता इस विवरण को IRDAI की वेबसाईट से भी ले सकता है।

      चरण 5: मौजूदा बीमाकर्ता अनुरोध किया गया सारा विवरण 7 दिन के अंदर IRDAI के कॉमन डेटा शेयरिंग पोर्टल के ज़रिए प्रदान करेगा। अगर यह जानकारी साझा करने में कोई देरी होती है, नया बीमाकर्ता आपके पोर्टिंग अनुरोध पर फैसला कुछ समय के लिए टाल सकता है।

      चरण 6: सारी जानकारी प्राप्त होने के बाद, नया बीमाकर्ता आपके पोर्टेबिलिटी अनुरोध को स्वीकार या अस्वीकार करने पर 15 दिन के अंदर फैसला लेगा। अगर इस अवधि में फैसला ले लिया जाता है, उन्हें आपके पोर्टेबिलिटी आवेदन को स्वीकार करना ही होगा।

      हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची

      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची नीचे दी गई है।

      • पहचान का प्रमाण
      • पते का प्रमाण

      पिछले बीमाकर्ता से:

      • पिछले साल के पॉलिसी सर्टिफिकेट
      • ताज़ा नवीनीकरण नोटिस जिसमें कवरेज की निरंतरता के बारे में स्पष्ट बताया गया हो
      • नो क्लेम के मामले में पॉलिसीधारक द्वारा खुद घोषणा
      • अगर कोई क्लेम मांगे गए हैं तो डिस्चार्ज समरी, जांच की रिपोर्ट, इत्यादि जैसे दस्तावेज़

      नए बीमाकर्ता से:

      • प्रस्ताव का फॉर्म
      • पोर्टेबिलिटी का फॉर्म

      हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करने का क्या लाभ है?

      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के कुछ सबसे आम लाभ ये हैं:

      1. नो क्लेम बोनस का बचाव

        मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से किसी अन्य बीमा कंपनी पर पोर्ट करने से पॉलिसीधारक का इकट्ठा हुआ नो क्लेम बोनस (NCB) खत्म नहीं होता।

        उदाहरण के लिए, अगर मौजूदा पॉलिसी में पॉलिसीधारक का NCB 30% इकट्ठा हुआ है, पोर्टेबिलिटी के बाद इसे नई पॉलिसी में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

      2. प्रतीक्षा अवधि जमा को आगे ले जाना

        पोर्टेबिलिटी के बाद मौजूदा स्वास्थ्य पॉलिसी में पूरी की गई प्रतीक्षा अवधि नई पॉलिसी में ले जाई जाएगी।

        उदाहरण के लिए, अगर पहली पॉलिसी में जोड़ों को बदलने की सर्जरी के लिए प्रतीक्षा अवधि 2 साल है और नई पॉलिसी इसे 3 साल में कवर करती है, तो अगर पॉलिसीधारक 2 साल बाद पॉलिसी पोर्ट करता/करती है तो उसे सिर्फ़ 1 साल की अतिरिक्त प्रतीक्षा अवधि पूरी करनी होगी।

      3. कम प्रीमियम

        हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी से पॉलिसीधारक उस हेल्थ प्लान की तरफ जा सकते हैं जो मौजूदा प्लान जैसा ही कवरेज देता हो लेकिन कम प्रीमियम पर। इससे खासकर उन लोगों को मदद मिलती है जिनके प्रीमियम मौजूदा पॉलिसी में क्लेम भरने के बाद बढ़ जाते हैं।

      4. बेहतर सेवाएं

        अगर मौजूदा बीमाकर्ता की सेवाएं संतोषजनक नहीं हैं तो हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी पॉलिसीधारकों को अपनी मौजूदा पॉलिसी को अन्य हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में पोर्ट भी करने देती है।

        उदाहरण के लिए, अगर मौजूदा बीमा कंपनी की क्लेम प्रक्रिया पेचीदा है या ग्राहक सेवा खराब है, तो पॉलिसीधारक आसान क्लेम प्रक्रिया और बेहतर ग्राहक सेवा टीम वाले किसी अन्य बीमाकर्ता को अपनी पॉलिसी पोर्ट कर सकता है।

      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के नियम

      IRDAAI ने कुछ नियम बनाए हैं जिनका पालन पॉलिसीधारकों और बीमा कंपनियों दोनों को करना होता है। भारत में हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के विभिन्न नियमों पर एक नज़र डालें:

      वर्ग हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी नियम
      किस प्रकार की बीमा पॉलिसियों की अनुमति है केवल समान स्वास्थ्य पॉलिसियों को ही पोर्ट किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, एक पॉलिसीधारक एक अदायगी हेल्थ प्लान से दूसरे अदायगी हेल्थ प्लान या एक टॉप-अप प्लान से दूसरे टॉप-अप प्लान में पोर्ट कर सकता है।
      हालांकि, परिवार और व्यक्तिगत स्वास्थ्य पॉलिसियों डोनोन को पोर्ट किया जा सकता है।
      कंपनी का प्रकार पॉलिसीधारक किसी भी सामान्य/विशेषज्ञता प्राप्त बीमा कंपनी से दूसरी सामान्य/विशेषज्ञता प्राप्त कंपनी में पॉलिसियाँ पोर्ट कर सकते हैं।
      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी का समय हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी केवल मौजूदा पॉलिसी के नवीनीकरण के समय ही की जा सकती है और पॉलिसी की अवधि के बीच में नहीं।
      मौजूदा पॉलिसी का नवीनीकरण पोर्टेबिलिटी की सुविधा लेने के लिए पॉलिसीधारकों को अपनी स्वास्थ्य पॉलिसियों का नवीनीकरण बिना किसी अंतराल के करवाना चाहिए।
      लेकिन, अगर बीमा कंपनी की तरफ से देरी की वजह से अंतराल आता है, उसे पॉलिसी में अंतराल नहीं माना जाएगा और पोर्ट करने की अनुमति होगी।
      पोर्टेबिलिटी की जानकारी पॉलिसीधारकों को नई बीमा कंपनी के पास मौजूदा पॉलिसी के नवीनीकरण की तारीख से कम से कम 45 दिन पहले नई बीमा कंपनी के पास पोर्टेबिलिटी का अनुरोध दाखिल करना होगा।
      साथ ही, मौजूदा बीमा कंपनी को नए बीमाकर्ता के बारे में बताते हुए लिखित में सूचना देनी होगी।
      प्राप्ति की सूचना हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को पोर्टेबिलिटी का आवेदन प्राप्त होने के 3 दिन के अंदर प्राप्ति की सूचना देनी होगी।
      पोर्टिंग शुल्क कोई पोर्टिंग शुल्क लागू नहीं हैं
      प्रीमियम प्रीमियम नए बीमाकर्ता के अन्डरराइटिंग मानक के हिसाब से लिए जाएंगे और इसलिए, समान कवरेज के लिए भी हो सकता है प्रीमियम समान ना रहें।
      इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों जैसे उच्च-जोखिम वाले वर्ग के लोगों को पोर्ट करने के बाद ज़्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है।
      बीमा राशि पॉलिसीधारक पोर्ट करने के समय अपनी न्यूनतम बीमा राशि को बढ़ाना चुन सकते हैं। IRDAI के दिशानिर्देशों के अनुसार, नए बीमाकर्ताओं को पुरानी पॉलिसी की मूल बीमा राशि के बराबर न्यूनतम बीमा राशि प्रदान करनी होती है।लेकिन, बढ़ी हुई बीमा राशि की स्वीकृति नए बीमाकर्ता द्वारा स्वीकार की जाने पर निर्भर है।
      पहले से लगी हुई बीमारियों की प्रतीक्षा अवधि अगर कोई व्यक्ति पहले से लगी हुई बीमारियों की बढ़ी हुई प्रतीक्षा अवधि के साथ किसी नई पॉलिसी में पोर्ट करता है, तो फिर पूरी प्रतीक्षा अवधि में से पहले से पूरी की गई प्रतीक्षा अवधि कम कर के बाकी पूरी प्रतीक्षा अवधि पूरी करनी होगी।
      उदाहरण के लिए, अगर पॉलिसीधारक ने पिछली स्वास्थ्य पॉलिसी में पहले ही 3 साल की प्रतीक्षा अवधि पूरी कर ली है और नई पॉलिसी में प्रतीक्षा अवधि 4 साल है, तो पहले से लगी हुई बीमारी की कवरेज पाने के लिए नई पॉलिसी में सिर्फ़ एक साल की अतिरिक्त प्रतीक्षा अवधि पूरी करनी होगी।
      एक ही कंपनी में प्लान बदलना पॉलिसीधारक एक ही कंपनी में एक हेल्थ इंश्योरेंस योजना से दूसरी योजना में जा सकते हैं।

      IRDAI के दिशानिर्देशों के अनुसार, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को पॉलिसी के नवीनीकरण या निर्धारित की गई निकासी की उम्र पर पोर्टेबिलिटी के अनुरोध पिछले सभी पॉलिसी वर्षों के लिए उचित क्रेडिट देते हुए स्वीकार करने होंगे, बशर्ते पॉलिसी का नवीनीकरण बिना किसी अंतराल के किया जाता रहा हो।

      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के नुक़सान

      हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करने के नुक़सानों पर एक नज़र डालें:

      1. सिर्फ़ नवीनीकरण के समय ही संभव

        पोर्टेबिलिटी सिर्फ़ तभी की जा सकती है जब मौजूदा पॉलिसी का नवीनीकरण होना हो ना कि पॉलिसी के पूरे साल।

      2. समान योजनाओं के लिए लागू होती है

        पॉलिसीधारक सिर्फ़ समान प्रकार की स्वस्थ्य पॉलिसियों में ही पोर्ट कर सकते हैं ना की हर तरह की योजनाओं में।

        उदाहरण के लिए, एक टॉप-अप प्लान को गंभीर बीमारी बीमा योजना में पोर्ट नहीं किया जा सकता।

      3. ज़्यादा प्रीमियम

        कभी-कभी, पॉलिसीधारकों को पोर्ट करने के बाद नई स्वास्थ्य पॉलिसी में अतिरिक्त कवरेज और लाभ पाने के लिए ज़्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है।

      4. लाभों में कमी

        जो पॉलिसीधारक समूह बीमा पॉलिसियों से व्यक्तिगत बीमा पॉलिसियों में पोर्ट करने का फैसला करते हैं उनके पिछली पॉलिसी में मिलने वाले लाभों में कुछ कमी आ सकती है।

      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी अनुरोध की अस्वीकृति

      हालांकि IRDAI ने सभी पॉलिसीधारकों को पोर्टेबिलिटी के अधिकार की शक्ति दी है, उसने हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को किसी भी पोर्टेबिलिटी अनुरोध को अस्वीकार करने का अधिकार भी दिया है। इसके परिणामस्वरूप, पोर्टेबिलिटी के सभी अनुरोधों को नया माना जाता है और वे अन्डरराइटर की जांच के अधीन होते हैं।

      जब किसी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को कोई पोर्टेबिलिटी अनुरोध प्राप्त होता है, अन्डरराइटर लिए जाने वाले प्रीमियम का निर्धारण करने के लिए हो सकने वाले जोखिम का आकलन करता है। अगर प्रस्ताव प्रतिकूल लगता है तो बीमाकर्ता उसे अस्वीकार कर सकता है। उस स्थिति में, पॉलिसीधारक के पास मौजूदा बीमा प्रदाता के साथ जारी रहने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रह जाता।

      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी अनुरोध अस्वीकार होने के प्रमुख कारण

      पोर्टेबिलिटी अनुरोध अस्वीकार होने के कुछ सबसे आम कारण हैं:

      • अपर्याप्त जानकारी
      • दस्तावेज़ जमा करवाने में देरी
      • क्लेम का खराब इतिहास (यानि हाल ही में की क्लेम लिए गए हैं)
      • मौजूदा पॉलिसी के साथ शामिल की जाने वाली और शामिल ना की जाने वाली चीज़ों और अन्य विशेषताओं में बड़े अंतर
      • पिछली पॉलिसी के दस्तावेज़ों का उपलब्ध ना होना
      • पॉलिसी नवीनीकरण में अंतराल
      • ज़्यादा उम्र (खासकर वरिष्ठ नागरिकों के मामले में)
      • खराब चिकित्सीय इतिहास
      • फ्लोटर पॉलिसी से व्यक्तिगत पॉलिसी में पोर्ट करना

      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी चुनने के आम कारण

      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी चुनने के कुछ आम कारणों पर एक नज़र डालें:

      • खराब सेवा गुणवत्ता
      • खास स्वास्थ्य समस्याओं के लिए अपर्याप्त कवर
      • क्लेम निपटाने की धीमी और पेचीदा प्रक्रिया
      • देर से अदायगी
      • क्लेम लेने के बाद प्रीमियम में बढ़ोतरी
      • छुपे हुए उपनियम और शर्तें जिनकी वजह से पारदर्शिता नहीं होती
      • सहभुगतान के स्वीकार ना किए जा सकने वाले उपनियम
      • कमरे के किराए की सीमा
      • किसी अन्य हेल्थ इंश्योरेंस प्रदाता से मिलने वाला बेहतर सौदा
      • किसी सामान्य बीमा कंपनी से निजीकृत सेवाओं का अभाव

      हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करने से पहले विचार करने योग्य बातें

      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन करने से पहले इन चीज़ों पर विचार कर लें:

      • पोर्ट करने से पहले नई हेल्थ इंश्योरेंस योजना की कवरेज और लाभों का विश्लेषण करें और प्रतीक्षा अवधि, शामिल ना होने वाली चीज़ों, सहभुगतान इत्यादी जैसी विशेषताओं की मौजूदा योजना से तुलना कर लें।
      • पोर्ट करने से पहले अपने पसंदीदा हेल्थ इंश्योरेंस प्रदाता की इंकर्ड कलेम्स रेशो (ICR) और कलेम्स सेटलमेंट रेशो (CSR) की जांच करना सुनिश्चित कर लें।
      • नई पॉलिसी में लगाई गई प्रतीक्षा अवधि या स्थायी रूप से शामिल नया होने वाली चीजों के नियम और शर्तों की पहले ही जांच करना सुनिश्चित कर लें ताकि क्लेम के समय कोई आश्चर्य वाली बात ना हो।
      • मौजूदा पॉलिसी के नवीनीकरण की तारीख से कम से कम तीन महीने पहले नए हेल्थ प्लान की खोज शुरू कर दें ताकि पॉलिसीधारक को सबसे अच्छी योजना चुनने के लिए पर्याप्त समय मिल जाए।
      • अगर मौजूदा स्वास्थ्य पॉलिसी की कीमत बेतुके ढंग से बहुत ज़्यादा है या बीमाकर्ता की क्लेम सेटलमेंट रेशो खराब है या उसने व्यापक रूप से रुकावट डालने वाले उपनियम थोप रख हैं, तो इकट्ठे हुए नो क्लेम बोनस को पकड़े रहने की बजाय पॉलिसी को पोर्ट करना बेहतर है।
      • अन्डरराइटिंग के मानक, पोर्टेबिलिटी के नियम और शर्तें और उसे अस्वीकार करने के कारण एक बीमा कंपनी से दूसरी बीमा कंपनी में अलग-अलग हो सकते हैं।

      समूह हेल्थ इंश्योरेंस से व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस में पोर्ट करना

      समूह स्वास्थ्य पॉलिसियों के अंतर्गत कवर किए गए लोग व्यक्तिगत स्वास्थ्य कवर में पोर्ट कर सकते हैं। लेकिन, दूसरे बीमाकर्ता पर जाने के लिए, उन्हें पहले अपने मौजूद बीमाकर्ता द्वारा प्रदान किए जा रहे व्यक्तिगत हेल्थ प्लान पर आना होगा। पॉलिसीधारक की पसंद के नए बीमाकर्ता की तरफ एक साल के बाद ही जाया जा सकता है।

      हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

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