इसी कारण सभी कमानेवालों को एक विस्तृत जीवम बीमा लेना चाहिए जिससे उनके जाने के बाद उनके अपने आर्थिक क्षेत्र में व्यथित न हो। वैसे भी अपने जाने के बाद कौन अपने परिवारजनों को परेशान देखना चाहेगा? है ना?
पर आपके जीवन बीमा करा लेने के बाद भी अगर आपके परिवार जन क्लेम लेना न जानते हो और आर्थिक संकटों में उलझे रहें तो? इसलिए जीवन बीमा लेने के साथ साथ अपने परिवारजनों को उस बीमा से जुड़े सभी लाभों के बारे में बताना भी ज़रूरी है। उन्हें क्लेम की पूरी प्रक्रिया तथा उसमे लगने वाले सभी ज़रूरी दस्तावेज़ों के बारे में भी बताना चाहिए। अब आप सोच रहे होंगे की ये सारी जानकारी आपको कहाँ मिलेगी, तो परेशान न हो, हमने आपके लिए यह काम कर दिया है। इस ब्लॉग को पढ़कर आपको वो सारी जानकारी मिल जाएगी जो जीवन बीमा पॉलिसी पर डेथ क्लेम का दावा करने के लिए चाहिए होती है।
पर आपको क्लेम की प्रक्रिया बताने से पहले शुरू से शुरू करते है।
जीवन बीमा क्या है?
आसान शब्दों में जीवन बीमा एक व्यक्ति और इन्शुरन्स कंपनी के बीच एक सीमाबद्ध संविदा है जिसमें व्यक्ति हर महीने एक तय रकम देने की सहमति देता है और इन्शुरन्स कंपनी उसकी मृत्यु के बाद वही रकम एकमुश्त रुप उसके नॉमिनी को दे देती है। जो तय राशि व्यक्ति हर महीने इन्शुरन्स कंपनी को देता है उसको प्रीमियम कहते है और जो एकमुश्त रूप में पॉलिसी धारक की मृत्यु के बाद उसके नॉमिनी को मिलती है उसे मृत्यु लाभ कहते है।
मोटे तौर पर जीवन बीमा क्लेम दो प्रकार के होते है डेथ क्लेम और परिपक्वता का दावा। इस लेख में हम डेथ क्लेम का दावा करने की प्रक्रिया और उसमें काम आने वाले दस्तावेज़ों के बारे में जानेंगे।
डेथ क्लेम
अगर बीमा के अवधि के दौरान अगर बीमाधारक की तो लाभार्थी बीमाकर्ता के पास मृत्यु लाभ का दावा रख सकता है। इसी दावे को जीवन बीमा का दावा या डेथ क्लेम कहा जाता है।
डेथ क्लेम का दावा कैसे करें
नीचे चरण दर चरण जीवन बीमा क्लेम की प्रक्रिया दी गयी है।
स्टेप 1: सर्वप्रत्यहं इन्शुरन्स कंपनी को पॉलिसी धारक की मृत्यु के बारे में बतायें। इन्शुरन्स कंपनियों द्वारा मृत्यु को दो प्रकारों में बांटा गया है- अर्ली डेथ तथा नॉन अर्ली डेथ। ये दोनों प्रकार पॉलिसी खरीदने के समय पर आधारित है। अगर पॉलिसी ख़रीदीने के तीन महीने बाद ही धारक की मृत्यु हो जाती है, तो उसे अर्ली डेथ कहते है।
स्टेप 2: इन्शुरन्स कंपनी से बात करके क्लेम सूचना का फॉर्म लें।
स्टेप 3: क्लेम को आगे बढ़ने हेतु उपयोगी दस्तावेजों के बारे में जानकारी ले लें। अगर पालिसी ऑनलाइन खरीदी गयी है तो क्लेम फॉर्म भी ऑनलाइन ही भरें।
अब आपको क्लेम का दावा करने की जानकारी हो गयी है, आइए अब डेथ क्लेम को आगे बढ़ने के लिए क्या करना है:
डॉक्यूमेंट चेक लिस्ट
डेथ क्लेम करने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज़ों की ज़रुरत होगी:
- मृत्यु प्रमाण पत्र
- पॉलिसी के मूल दस्तावेज़
- बेनेफिशरी का आईडी प्रूफ
- पॉलिसीधारक की उम्र का प्रमाण पत्र
- डिस्चार्ज फॉर्म (निष्पादित तथा साक्षी प्राप्त)
- मेडिकल प्रमाणपत्र ( मृत्यु के कारण का सबूत)
- पुलिस एफ़आईआर (अस्वाभाविक मृत्यु की स्तिथि में)
- पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट ( अस्वाभाविक मृत्यु की स्तिथि में)
- अस्पताल के रिकार्ड्स अथवा प्रमाण पत्र ( बीमारी से मरने के स्तिथि में)
- शव दाह प्रमाण पत्र तथा नियोक्ता प्रमाण पत्र (प्रारंभिक मृत्यु के मामले में)
अगर आप डेथ क्लेम करने की सोच रहे हैं तो पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद ज्यादा समय का इंतज़ार न करें। ध्यान रहे, ऊपर दिए गए सभी दस्तावेज़ होने चाहिए। अपनी इन्शुरन्स कंपनी से लगातार संपर्क में रहें और जीवन बीमा डेथ क्लेम से जुड़े दस्तावेज़ो की सारी जानकारी रखें।
अंत में!
यही आशा है की, इस लेख को पढ़ के आपको जीवन बीमा पर डेथ क्लेम का दावा करने की प्रक्रिया समझ आ गई होगी। हमें आशा है की ये जानकारी आपको जीवन बीमा क्लेम लेने में मदद करेगी।
आपको यह लेख कैसा लगा? क्या आपका कोई सवाल है?
जल्दी से हमें कमेंट करके बताए।
टिप्पणी: टर्म इंश्योरेंस क्या है इसके बारे में जानें
(View in English : Term Insurance)
Read in English Term Insurance Benefits
Read in English Best Term Insurance Plan