एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी आपकी ज़िन्दगी को सबसे कम प्रीमियम पर सुरक्षित करती है। इसमें समूह और एकल दोनों तरह की पॉलिसी होती है। अपनी बीमा ज़रूरतों को समझकर पॉलिसी लेकर सबसे उपयुक्त पॉलिसी लेना बहुत महत्वपूर्ण है। बीमा की ज़रूरतों को दोबारा समझना और दूसरे प्लान के बारे में सोचना चाहिए। अगर आप दूसरा प्लान खरीद रहें हैं तो आपको अपनी बीमा कंपनी को पाने पहले प्लान के बारे में बताना चाहिए।
मुद्दात बिमा शुध्द जीवन बीमा योजना है जिसमें जीवन जोखिम को कवर किया जाता है। धारक की मृत्यु होने पर लाभार्थी को पेआउट दिया जाता है। परन्तु अगर धारक योजना अवधि के बाद भी जीवित रहता है तो कोई मौद्रिक लाभ नहीं होता। इसलिए मुद्दात बिमा में कोई उत्तरजीविता लाभ नहीं होते। आपको काम प्रीमियम में जोखिम कवर करने के लिए मुद्दात बिमा लेना चाहिए।
एक मृत्यु अनुरोध कई कारणों से अस्वीकार हो सकता है। नीचे ऐसे कुछ कारण दिए गए हैं:
अधिकार योजना बीमा कंपनियों द्वारा सेटल कर दी जाती है। आप कंपनी की मृत्यु अनुरोध की सक्षमता को समझने के लिए अनुरोध सेट्लमेंट रेश्यो देख सकते हैं।
अनुरोध सेटेलमेंट प्रमाण कंपनी के प्रदर्शन को दर्शाता है। हालाँकि यह पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं होता परन्तु इसपर आप कुछ हद तक निर्भर कर सकते हैं।
क्योंकि अनुरोध सेटल करने में जोखिम होता है इलसिए आपको दूसरे विकल्प भी ढूंढ लेने चाहिए। दो मुद्दत बीमा योजना लेने से आप इस मुद्दे से बच सकते हैं।
आप अपनी बीमा ज़रूरतों को पूरी करने के लिए दो या दो से अधिक मुद्दत बीमा योजना खरीद सकते हैं। प्लान के लिए एक से अधिक लाभार्थी भी बनाया का सकता है। अगर आपके पास दो टर्म इंश्योरेंस प्लान है तो यह ज़रूरी नहीं कि दोनों के लाभार्थी सामान हो। साथ ही साथ आप ऑनलइन प्लान की तुलना करके और मुद्दत बिमा कॅल्क्युलेटर का प्रयोग करके काम डैम वाले प्रीमियम पर सबसे उचित प्लान चुन सकते हैं।
दूसरी कंपनी से बीएम योजना खरीदेने से पहले उसको पहली कंपनी की साड़ी जानकारी बताना अनिवार्य है। अगर आप तीन पॉलिसी खरीदते हैं तो आपको तीसरी कंपनी को पहली और दूसरी पॉलिसी के बारे में तीसरी कंपनी को बताना चाहिए।
गलत जानकारी देने से क्लेम अस्वीकार हो सकता है।
एक से अधिक जीवन बीमा योजना लेने पर कई तरह के प्रतिबन्ध होते हैं। इन सभी पॉलिसी का बीमा धन ह्यूमन लाइफ वैल्यू से अधिक नहीं होने चाहिए।
जोखिम का मूल्याङ्कन कंपनी द्वारा किया जाता है। जैसे ही आप बीमा कंपनी को प्रस्ताव देते हैं, तो वह अपने जोखिम अंकन में लग जाती है। बीमा कंपनी आपक प्रीमियम और बींमा धन निश्चित करने से पहले स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेक जोखिमों का मूल्याङ्कन करती है।
आपका बीमा धारक की वार्षिक आय और जीवन कवर पर निर्भर करता है।
अगर आपको अपने घर या जायदाद के लिए लिया हुआ 20 लाख का लोन 10 साल में चुकाना है तो एक पॉलिसी की जगह दो पॉलिसी ले सकते हैं। आप पहला मुद्दत बीमा योजना में 10 साल के लिए 20 लाख रूपये ले सकते हैं और दूसरे टर्म प्लान में 10 साल के लिए 50 लाख ले सकते हैं।
1 केस: अगर दोनों पॉलिसी सहिस इ क्लेम हो जाती है तो लोन चुकाना आसान हो जाता है और लोन अकाउंट बंद हो जायेगा। दूसरी पॉलिसी से मिला पेआउट आपके लाभार्थी की ज़रूरतें पूरी करने में काम आ सकता है।
2 केस: अगर कोई एक पॉलिसी धारक द्वारा बीमा कंपनी नियम और शर्तों को न मानने से अस्वीकार हो जाती है तो दूसरी पॉलकिय से लाभार्थी बिना तकलीफ के लोन चूका सकता है।
अतः अनेक पॉलिसी धारक की ज़रूरतों की सुरक्षा करती है।
अनेकों पॉलिसी से क्लेम लेने से पहले आपको सभी मुद्दत बीमा योजना के बारे में बीमा कंपनी को बताना चाहिए। सभी कंपनियों द्वारा आईआरडीएआई (भारत बीमा विनियमक और विकास प्राधिकरण) द्वारा प्रस्तावित मानक प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है।
सभी कम्पनियाँ आईआरडीएआई की देखरेख में काम करती हैं। आईआरडीएआई उपभोक्ताओं की ज़रूरतों का ध्यान रखता है। अगर पॉलिसी क्लेम लेने में कोई दिक्कत हो तो बीमा कंपनी के साथ टिकट शुरू किया जा सकता है। अगर आपको बीमा कंपनी की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलता तो आप आईआरडीएआई के पास भी जा सकते हैं। वह आपके मुद्दे को अच्छे से सुलटा देगा।
लभरती की ज़र्रोरतों को ध्यान में रखते हुए आपको कम से कम सो टर्म इंश्योरेंस लेने चाहिए जिससे पेआउट मिले। लाभार्थी द्वारा सभी पॉलिसी पर मृत्यु लाभ क्लेम किया जा सकता है।
लाभार्थी को उचित अधिकारी से मृत्युपत्र लेकर डेथ क्लेम फॉर्म के साथ जमा करना चाहिए। बीमा कंपनी क्लेम की शुरुआत करेगी और 10 दिन में क्लेम सेटल हो जायेगा।
बीमा कंपनी लाभार्थी के साख की जांच करेगी और जल्द से जल्द पेआउट दे देगी। अगर लभरती कोई जानकारी नहीं देता है तो बीमा कंपनी अतिरिक्त जानकारी की मांग कर सकती है। अगर लाभार्थी मांगे गए दस्तावेज जमा नहीं कर पता तो उसे बीमा कम्पनी को बताना चाहिए।
अगर आपको एक से अधिक बीमा योजना ख़रीदना है तो आपको विशेषज्ञों की राय लेनी चाहिए। सोच समझकर पॉलिसी लेने से आपके समय और मेहनत दोनों की बचत होगी।
अंत में
जब आप एक से अधिक टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदते हैं तो आप ज्यादा प्रीमियम भी भरते हैं। आपके लिए अनेक पॉलिसी को संभालना मुश्किल भी हो सकता है। परन्तु जब अनेक पॉलिसी के लाभ उन्हें सँभालने से ज्यादा हो तब आप अनेक पॉलिसी खरीद सकते हैं। जब आप अलग अलग बीमा कंपनियों से पॉलिसी खरीदते यहीं तो आपको पहले के टर्म इंश्योरेंस प्लान के बारे में नयी कंपनी को बताना चाहिए।