एसआईपी यानी सिप पैसे कमाने का सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। म्यूचुअल फंड का सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी सिप जमा राशि पर चक्रवृद्धि फायदा देता है। इसमें फायदा तब और ज्यादा मिलता है, जब लंबी अवधि में निवेश करते हैं। जब एसआईपी के माध्यम से निवेश करते हैं तो एक निश्चित अवधि में एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं। यह राशि एक निश्चित संख्या में फंड यूनिट खरीदने की सुविधा देती है। अगर इसे लंबे समय तक जारी रखा जाए तो उतार-चढ़ाव के दौरान फंड में निवेश करने को मिलता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो निवेश करने के लिए बाजार को समय देने की जरूरत नहीं है।
Pension India Consumption FundICICI Prudential Life
Rating
20.5%
-
15.5%
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Multi Cap FundTata AIA Life
Rating
26.25%
23.01%
20.55%
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Accelerator Mid-Cap Fund IIBajaj Life
Rating
20.95%
14.46%
14.29%
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MultiplierBirla Sun Life
Rating
22.96%
16.85%
15.52%
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Pension Mid Cap FundPNB MetLife
Rating
34.5%
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18.41%
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Equity II FundCanara HSBC Life
Rating
16.67%
12.43%
10.66%
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US Equity FundStar Union Dai-ichi Life
Rating
14.69%
-
13.87%
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Last updated: Sep 2025
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Returns
Fund Name
3 Years
5 Years
10 Years
Active Fund QUANT
23.92%
31.48%
21.87%
Flexi Cap Fund PARAG PARIKH
20.69%
26.41%
19.28%
Large and Mid-Cap Fund EDELWEISS
22.34%
24.29%
17.94%
Equity Opportunities Fund KOTAK
24.64%
25.01%
19.45%
Large and Midcap Fund MIRAE ASSET
19.74%
24.32%
22.50%
Flexi Cap Fund PGIM INDIA
14.75%
23.39%
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Flexi Cap Fund DSP
18.41%
22.33%
16.91%
Emerging Equities Fund CANARA ROBECO
20.05%
21.80%
15.92%
Focused fund SUNDARAM
18.27%
18.22%
16.55%
Last updated: August 2025
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कुछ लोगों के लिए बाजार की टाइमिंग एक जोखिम भरा काम हो सकता है क्योंकि कोई गलत समय पर निवेश कर सकता है। एसआईपी इसी जोखिम को दूर करता है। इसमें हर महीने या तिमाही की एक तय तारीख को अपने बैंक को खाते से अपनी पसंद के एसआईपी में फंड ट्रांसफर करने के लिए कह सकते हैं।
एसआईपी क्या है?
जब एसआईपी में लगातार निवेश किया जाता है तो रिटर्न का पैसा दोबारा से यानी री-इनवेस्ट हो जाता है। इसका अर्थ है कि रिटर्न का पूरा पैसा फंड में दोबारा जमा कर दिया जाता है। इसे चक्रवृद्धि कहा जाता है, नतीजन पैसा कई गुना तक बढ़ जाता है।
उदाहरण के लिए
माना कि तीन दोस्त राहुल, करण, अनुज ने एसआईपी में निवेश शुरू किया है। राहुल ने हर महीने 2000 का निवेश कर 40 साल तक इसी क्रम में पैसे जमा किए। इस तरह उसे कुल अवधि में 9.6 लाख रुपये जमा करने होंगे जबकि इससे एसआईपी में 2.3 करोड़ रुपये की राशि रिटर्न में मिलेगी और फाइनल फंड 2.4 करोड़ रुपये का होगा। दूसरी और, करण ने 30 साल के लिए हर महीने 2000 रुपये जमा किए तो उसने कुल अवधि के लिए 7.2 लाख रुपये की राशि भरी। नतीजन, एसआईपी में उसे 63.4 लाख रुपये मिलें और फाइनल फंड में 70.6 लाख का रिटर्न।
अनुज ने कम वक्त के लिए एसआईपी में पैसे जमा किए, उसने 10 साल के लिए हम महीने 2000 रुपये की राशि जमा की तो वे 2.4 लाख रुपये जुटा पाएंगे। एसआईपी के जरिये यह राशि 2.2 लाख की होगी और आखिर में 4.6 लाख रुपये प्राप्त होंगे। अगर इन निवेश का आकलन करें तो पाएंगे कि 40 साल, 30 साल और 10 साल में पैसे का बहुत फर्क आ गया।
5 हजार पर मिलेगा कितना रिटर्न
अगर निवेशक हर महीने 5,000 रुपये का निवेश करे तो 20 साल में निवेशक को 66.35 लाख रुपये मिलेंगे। निवेशक हर महीने के हिसाब से 5 हजार रुपये जमा करेगा यानी 20 साल वह निवेशक कुल 12 लाख रुपये जमा करेगा। अगर इस राशि पर 8 परसेंट के हिसाब से भी रिटर्न तय होता है तो आखिर में 28.53 लाख रुपये मिलेंगे। अगर इस राशि पर 12 फीसदी के हिसाब से रिटर्न का आकलन किया जाए तो कुल रिटर्न 45.99 लाख का होगा। 15 फीसदी के हिसाब से अगर रिटर्न का आकलन किया जाए तो 20 साल में 66.35 लाख रुपये मिलेंगे।
10 हजार रुपये पर रिटर्न
अगर हर महीने एसआईपी में में 10 हजार रुपये 20 साल तक जमा किए जाए तो आखिर में 1.32 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी। परसेंटेज के हिसाब से अगर आकलन किया जाए तो 10 हजार रुपये पर 8 फीसदी की दर से 20 साल में 57.26 लाख रुपये का रिटर्न के तौर पर मिलेगा। अगर इसी राशि पर रिटर्न 12 परसेंट की दर से देखें तो यह 91.98 लाख रुपये होंगे।
अगर 15 फीसदी के हिसाब से रिटर्न का आकलन किया जाए तो 1.32 करोड़ रुपये देगी। पूरे 20 साल में हर महीने 10 हजार की जमा राशि 24 लाख रुपये जुटाएगी जिस पर एसआईपी का फायदा मिलेगा।
25 हजार रुपये पर मिलेगा रिटर्न
अगर निवेशक ने हर महीने 25 हजार रुपये 20 साल तक जमा किए तो पूरी अवधि में 60 लाख रुपये का निवेश हो जाएगा। एसआईपी में जमा की गई पर अगर 8 फीसदी का रिटर्न मिले तो कुल 1.43 करोड़ रुपये मिलेंगे। अगर इसी राशि पर रिटर्न 12 परसेंट के लिहाज से देखा जाए तो कुल रकम 2.30 करोड़ रुपये होगी। 60 लाख रुपये की जमा राशि पर 15 फीसदी की दर से रिटर्न का आकलन करें तो 20 साल बाद 3.32 करोड़ रुपये मिलेंगे।
एसआईपी के फायदे
कंपाउंडिंग से फायदा
अगर एसआईपी के जरिए हर महीने 1000 रुपये का निवेश किया जाए तो यह 10 साल में बढ़कर 2.38 लाख रुपये तक हो सकता है। अगर आकलन करें तो इस स्थिति में सिर्फ 1.20 लाख रुपये का ही निवेश होगा। हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश 10 साल में दोगुना रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। यहां पर म्यूचुअल फंड स्कीम का औसत रिटर्न 12 फीसदी माना गया है। इस तरह से रिटर्न कंपाउंडिंग के कारण मिलता है, इसलिए कह सकते हैं कि एसआईपी में कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है।
प्रत्यक्ष रूप से बैंक अकाउंट से जाता है पैसा
एसआईपी में निवेश हर महीने बैंक अकाउंट से प्रत्यक्ष रूप से कट जाता है। इसमें हर महीने एसआईपी के लिए कई तारीखों में किसी एक तारीख को चुन सकते हैं। एसआईपी में निवेश करने का यह फायदा है कि निवेश की तारीख याद रखने और बैंक में जाकर रकम जमा करने जैसी परेशानी नहीं उठानी पड़ती।
फ्लेक्सिबिलिटी
इसमें जरूरी नहीं है कि एक तय राशि ही निवेश की जाए। निवेशक एसआईपी की राशि को कभी भी कम या बढ़ा सकते हैं। अगर इस दौरान पैसे की जरूरत है तो बीच में कुछ पैसा निकाल भी सकते हैं। इस प्रक्रिया से एसआईपी पर फर्क नहीं पड़ता है और वह चलती रहती है।
एसआईपी में निवेश की सीमा नहीं
एसआईपी में जितने वक्त के लिए चाहे निवेश कर सकते हैं और जिस दिन चाहे एसआईपी को बंद कर सकते हैं। इस पर जुर्माना नहीं लगता है। एसआईपी में निवेश कम से कम 500 रुपये से शुरू किया जा सकता है लेकिन अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं होती है।
प्रतिदिन ले सकते हैं जानकारी
निवेशक अपने हिसाब से जब भी चाहे एसआईपी की स्टेटमेंट ले सकता है। इसमें अपने निवेश की वैल्यू की जानकारी प्रतिदिन ले सकते हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियां अपनी हर स्किम की नेट एसेट वैल्यू प्रतिदिन घोषित करती हैं।
डिविडेंड ऑप्शन और निवेश का अनुशासन
म्यूचुअल फंड स्कीम्स में डिविडेंड के विकल्प का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके तहत कंपनियां लाभांश देगी तो निवेशक को सीधे बैंक अकाउंट में पैसा मिल जाता है। एसआईपी में निवेश के जरिए निवेशकों में बचत की आदत नियमित हो जाती है। जिससे बाद में अच्छा रिटर्न मिलता है।
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