निवेश क्या है?(Investment in Hindi)

इन्वेस्टमेंट यानी निवेश भविष्य में लाभ हासिल करने के मकसद से लगाई हुई धनराशि को कहा जाता है। जब कोई व्यक्ति या संस्था अपने पैसे को कहीं लगाकर लाभ कमाती है तब लगाए हुए पैसे या संपत्ति को निवेश कहा जाता है। निवेश करने वाले व्यक्ति या कंपनी को निवेशक कहा जाता है। जब कोई व्यक्ति या कंपनी निवेश के लिए कोई चीज या वस्तु खरीदती है तो उसका मकसद उसे इस्तेमाल करना नहीं बल्कि भविष्य में उससे लाभ कमाना होता है।

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निवेश हमेशा भविष्य की संभावनाओं का आकलन कर किया जाता है। आज किया गया निवेश भविष्य में मुसीबत के वक्त में काम आता है। कोई भी निवेशक है, अगर वह आज कोई निवेश करता है तो उसे उम्मीद होती है कि भविष्य में उसे आज से ज्यादा फायदा मिलेगा। निवेशक पूंजी, उम्मीद, वक्त और मेहनत अच्छा रिटर्न हासिल करने के लिए लगाता है। 

निवेश का उद्देश्य (Purpose of Investment in Hindi)

निवेश का मकसद पैसे कमाना और वक्त के साथ-साथ अपनी बचत का मूल्य बढ़ाना है। यह भविष्य में आय बनाने का एक तरीका है। निवेश कुछ भी हो सकता है, जैसे शेयर, बांड, म्यूचुअल फंड, कोई जमीन या प्लाट जो भविष्य में आय बनाकर दें। कोई निवेशक अगर खेती खरीदता है तो उसे खेती आने वाले वक्त में आय बनाकर देती है। कोई अगर दुकान खरीद रहा है तो भविष्य में वह दुकान उसे आय के रूप में लाभ प्रदान करेगी। निवेश के जरिए मुनाफा कमाने की संभावनाएं होती हैं।

यह नहीं होता निवेश 

निवेशक कम जोखिम से निवेश करता है। जबकि जुआरी ज्यादा पैसे कमाने के लालच में सारे पैसे गंवा बैठता है। जुआ खेलकर या कैसीनो में पैसे लगाने को निवेश नहीं कहते हैं। 

निवेश में पैसा सुरक्षित और उससे हर महीने कुछ ना कुछ मुनाफा आता है, तभी निवेश कहलाता है। दूसरी तरफ कुछ लोग चिटफंड जैसे कंपनी में ज्यादा रिटर्न हासिल करने में पैसे लगाकर अपनी पूंजी गवा देते हैं, उसे निवेश नहीं कहा जाता है। 

महंगे मोबाइल फ़ोन या महंगे कपड़े खरीदना निवेश नहीं है। क्योंकि यह खुद से पैसे कमा नहीं सकता है। इन दोनों चीजों की मार्केट वैल्यू जीरो वक्त के साथ कम हो जाती है। 

निवेश और बचत के बीच क्या फर्क हैं?

वित्तीय सुरक्षा हर कोई चाहता है। अभी इसे कोई वे कैसे हासिल करें, यह उसकी व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है। वित्तीय सुरक्षा निवेश या बचत के जरिए की जा सकती है। निवेश भविष्य में अच्छे रिटर्न की उम्मीद के साथ स्टॉक, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, रियल एस्टेट आदि खरीदना है। निवेश एक लंबे वक्त के लिए की जाने वाली गतिविधि है जो वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करती है। 

निवेश के प्रकार पर भी नतीजे निर्भर करते हैं। कुछ निवेश लॉक इन पीरियड के साथ आते हैं, जबकि कुछ को आसानी से पे-ऑफ किया जा सकता है। निवेश के साथ कुछ जोखिम भी होते हैं। हालांकि लंबी अवधि के लिए किए गए निवेश में इसका असर कम होता है। 

जबकि बचत का अर्थ नकद रखना या अकाउंट में पैसे जमा करके अलग रखना। भविष्य के लिए पैसों को अलग रखना। उदाहरण के लिए, पूंजी को बचत खाते में जमा या नकद या लिक्विड म्यूचुअल फंड के रूप में रखना बचत होता है। इससे कोई रिटर्न या मुनाफा नहीं कमाया जा सकता है। बचत सामान्य तौर पर छोटे वित्तीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए होती है। बचत में कम या शून्य जोखिम होता है। 

पैसा क्यों निवेश करना चाहिए?

इमरजेंसी में मदद:- किए गए निवेश को आसानी से बाजार में बेचा जा सकता है, इस तरह यह किसी भी इमरजेंसी में मदद की तरह काम करता है। इसके तहत कोई अपनी संपत्ति बेच सकता है या लोन ले सकता है।

आने वाले वक्त के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए:- निवेशक आने वाले वक्त के वित्तीय लक्ष्यों जैसे रिटायरमेंट या कार-घर खरीदने के मकसद से निवेश करते हैं। निवेश करने से आने वाले वक्त में वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिल सकती है। इसके तहत निवेशकों को वित्तीय योजना बनानी होगी और रणनीतिक रूप से निवेश करना होगा।

सुरक्षित भविष्य बनाए रखने के लिए: निवेश आय का दूसरा माध्यम है। इसलिए, आय के पहले माध्यम में नुकसान के वक्त में निवेशक अपने निवेश का इस्तेमाल आर्थिक रूप से मदद पाने के लिए कर सकते हैं। 

निवेश के प्रकार (Types of Investment in Hindi)

  1. अल्पकालिक निवेश(Short Term Investment in Hindi)

    अल्पकालिक निवेश एक साल या उससे कम समय के लिए किए गए निवेश को कहते हैं। इस निवेश से भी कमाई की जा सकती है। छोटी-छोटी कमाई से भी निवेश बड़ा हो जाता है।

    ये कुछ ऐसा है कि मान लें कि हर महीने कुछ पैसों का बचत कर रहे हैं और हर महीने फिक्स डिपॉजिट कर सकते हैं। आज के वक्त में 30 दिनों के लिए भी फिक्स डिपाजिट होता है। सामान खरीद कर स्टॉक कर सकते हैं, जिसके दाम बढ़ने के चांसेस होते हैं। 

  2. मध्यमकालिक निवेश(Mid Term Investment in Hindi)

    एक साल से ज्यादा और 5 सालों से कम समय के लिए किए गए निवेश को मध्यमकालिक निवेश कहते हैं। मध्यमकालिक निवेश में कई तरह के विकल्प बढ़ जाते हैं। 

  3. दीर्घकालिक निवेश(Long Term Investment in Hindi)

    5 सालों से ज्यादा वक्त के लिए किए गए निवेश को दीर्घकालिक निवेश माना जाता है। इसमें निवेश के विकल्प भी ज्यादा होते हैं। 

 निवेश के जोखिम (Risks in Investment in Hindi)

निवेश भविष्य में बचत के लिहाज से किया जाता है, इसलिए इसमें अनिश्चितता होती है। निवेश में जितना फायदा होता है उतना ही जोखिम भी होता है। उदाहरणके तौर पर, अगर किसी कंपनी के शेयर लिए है। और वो कंपनी अगर डुब जाती है तो नुकसान हो सकता है। निवेश सोच समझकर करना चाहिए। निवेश करने से पहले जोखिम जान लेने चाहिए, साथ ही वित्तीय सलाहकार से जानकारी हासिल कर लेना चाहिए। 

निवेश के साधन(investment instruments in Hindi)

निवेश के कई साधन उपलब्ध हैं। 

  1. कम जोखिम वाले निवेश के साधन 

    • बैंक जमा

    • एलआईसी पॉलिसी  

    • बांड

    • गवर्नमेंट सिक्योरिटी/ सरकारी सुरक्षा

    • जमीन, रियल एस्टेट।

    • सोना, चांदी

    • फिक्स्ड डिपॉजिट म्यूच्यूअल फण्ड

    • पोस्ट ऑफिस जमा

    • प्रोविडेंट फण्ड (PF)

  2. ज्यादा जोखिम वाले निवेश के साधन 

    • कंपनी के शेयर/ शेयर मार्किट

    • म्यूच्यूअल फण्ड

    • क्रिप्टो करेंसी 

    • हेज फण्ड 

    • इनवर्स एंड लिवरेज

    • प्राइवेट कंपनी में इन्वेस्टमेंट

मैं निवेश कैसे शुरू कर सकता हूं?

निवेश की शुरुआत करना आसान हैं, इसमें आपको लाखों पैसे की जरूरत नहीं होती है। अगर आपके अकाउंट में थोड़ा पैसा है तो पेशेवर से सलाह ले सकते है। निवेश शुरू करने के लिए ऑनलाइन ब्रोकरेज अकाउंट खोलना होगा। कोशिश करें कि किसी विश्वसनीय वित्तीय सलाहकार से सलाह लें, जो आपके लक्ष्यों को समझता है और वक्त के साथ निवेश को चुनने और प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।

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